राजधानी की अरेरा कॉलोनी में चल रही सोम ग्रुप की शराब दुकान के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में चल रही सुनवाई के तहत भोपाल कलेक्टर और आबकारी आयुक्त को आयोग द्वारा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए समन जारी किया गया था। आयोग ने दोनों अधिकारियों को 3 अक्टूबर 2025 को दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में उपस्थित होकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। आयोग को भेजे गए प्रतिवेदन में जिला प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन आयोग के समक्ष अधिकारियों की व्यक्तिगत उपस्थिति नहीं हुई। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जांच प्रतिवेदन में रहवासियों के पक्ष को शामिल नहीं किया गया। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि रहवासियों की बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद उचित कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि अरेरा कॉलोनी के आवासीय क्षेत्र में संचालित यह दुकान आर्य समाज मंदिर और अनुश्री नर्सिंग होम के पास स्थित है, जिसके कारण रहवासी असुविधा महसूस कर रहे हैं। त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 28 जुलाई 2025 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लेकर जिला प्रशासन से 15 दिनों में कार्रवाई प्रतिवेदन मांगा था। आयोग द्वारा 19 अगस्त को स्मरण पत्र भेजे जाने के बाद भी प्रतिवेदन समय पर प्राप्त नहीं हुआ, जिसके बाद समन जारी किया गया। रहवासी लवनीश भाटी, सुनीता शर्मा, डॉ. अनुश्री गुप्ता और आचार्य शास्त्री ने भी आयोग को भेजे गए पत्र में बताया कि जांच के दौरान उनसे कोई बयान नहीं लिया गया। रहवासियों ने इस दुकान को बंद करने की मांग की है। विवेक त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस ने मांग की है कि इस शराब दुकान का लाइसेंस निरस्त किया जाए और जांच प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।