एक दिन पहले सेक्टर-7 स्थित कल्याण कॉलेज में एनएसयूआई के प्रदेश सचिव व भिलाई नगर विधायक प्रतिनिधि आकाश कनौजिया ने अपने साथियों के साथ कॉलेज में जमकर हंगामा किया था। आधे घंटे तक प्राचार्य को घेरे रखा और दुर्व्यवहार किया। पुलिस ने प्राचार्य डॉ. विनय शर्मा की शिकायत पर आकाश कनौजिया समेत 7 नेताओं पर एफआईआर दर्ज कर लिया है। महिलाओं को नौकरी और सार्वजनिक माफी की मांग
9 दिसंबर को सुबह कल्याण कॉलेज में दो चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने और उनसे सार्वजनिक माफी मांगने की मांग को लेकर एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने कॉलेज में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि निकाले गए दोनों महिलाओं को तत्काल काम पर वापस रखा जाए और उन्हें बुलाकर कॉलेज में सार्वजनिक माफी मांगी जाए। इसी मांग को लेकर कार्यकर्ता कॉलेज पहुंचे थे। एनएसयूआई का कहना है कि उन्होंने पहले गेट पर बाहर प्राचार्य का इंतजार किया, लेकिन वो बाहर नहीं आए। इसलिए हमें अंदर आना पड़ा। देर शाम थाने पहुंचे थे प्राचार्य
कुछ देर गेट पर बैठने के बाद वे सीधे प्राचार्य केबिन में गार्ड को धक्का मारते हुए अंदर घुस गए थे। इसके बाद करीब 30 मिनट तक प्राचार्य केबिन में पर्चा फेंकने, स्याही फेंकने और जूते-चप्पलों की माला पहनाने की कोशिश करने जैसे कृत्य करते रहे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाला था। दोपहर में हुई वारदात के बाद प्राचार्य ने इसकी जानकारी कल्याण कॉलेज प्रबंधन और हेमचंद यादव विश्वविद्यालय प्रबंधन को दी। विचार विमर्श के बाद प्राचार्य ने भिलाई नगर थाने में अपराध दर्ज करवाया। प्राचार्य डॉ. शर्मा देर शाम को थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने प्राचार्य की शिकायत पर धारा 191(2), 221, 296, 324(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 7 नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर
प्राचार्य डॉ. शर्मा ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया है कि कॉलेज में परीक्षा फॉर्म परीक्षण और हस्ताक्षर का शासकीय कार्य चल रहा था। इसी दौरान कॉलेज के ही पूर्व छात्र आकाश कन्नोजिया, दीपक पाल, आनंद यदु तथा पूर्व मानसेवी सहायक प्राध्यापक नितेश गुप्ता, आशीष कालो, भौमित पटेल, अंशुल शर्मा सहित अन्य कुछ युवक परिसर में अनाधिकृत रूप से घुस आए। अंदर प्रवेश करते ही अश्लील गाली-गलौज शुरू कर दी और कार्यालय में रखे सरकारी दस्तावेजों को उठाकर फेंक दिया, फाड़ दिया और उन पर स्याही गिरा दी, जिससे दस्तावेज खराब हो गए। प्राचार्य ने आरोप लगाया कि युवकों ने जूते की माला बनाकर उन्हें पहनाने का प्रयास भी किया। नेमप्लेट पर स्याही पोतने और धक्का-मुक्की कर उपद्रव किया। कॉलेज स्टाफ में भय का माहौल
जिस वक्त कॉलेज में हंगामा हो रहा था उस वक्त प्राचार्य केबिन में कॉलेज के अन्य प्राध्यापकों में डॉ. अनुराग पांडेय, डॉ. अनिरबन चौधरी और चिम्मन लाल सोन्ड्रे भी मौजूद थे, जिन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को देखा है। प्राचार्य ने बताया कि इस घटना से पूरे महाविद्यालय स्टाफ में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। शिकायत में यह आरोप भी है कि पूरे घटनाक्रम में पूर्व सहायक प्राध्यापक नितेश गुप्ता की सक्रिय भूमिका रही। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपों की बारीकी से जांच की जा रही है और कॉलेज परिसर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। NSUI के प्रभारी महामंत्री बोले- ये विपक्ष के आवाज को दबाने की कोशिश
एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आकाश कनौजिया समेत अन्य नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में प्रदेश संगठन ने शासन पर विपक्ष के आवाज को दबाने का आरोप लगाया है। एनएसयूआई के प्रभारी प्रदेश महामंत्री ने कहा कि लगातार सरकार विपक्ष के आवाज को दबा रही है। अगर प्राचार्य ने गाली-गलौज कर महिलाओं को नौकरी से निकाला है तो वो गलत है। कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज करवा रहे हैं, ये गलत है। पहले भी एनएसयूआई के लोगों पर लगातार एफआईआर दर्ज की जा रही है। जायज मांगों पर भी मामला दर्ज किए जा रहे हैं। चाहे वो फर्जी मेडिकल कॉलेज का मामला हो,चक्का जाम हो सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर विपक्ष की आवाज को दबाने का काम प्रदेश की सरकार कर रही है।
आकाश कनौजिया पर संगठन भी कर चुका है कार्रवाई
एनएसयूआई के प्रदेश संगठन ने प्रदेश महासचिव आकाश कनौजिया को 2022 में भी सस्पेंड किया था। उस वक्त प्रदेश संगठन ने आदेश में कहा था कि जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने के आरोप में आकाश कनौजिया को एनएसयूआई ने सस्पेंड किया जाता है। हालांकि दिसंबर 2022 में उन्हें दोबारा बहाल किया गया था।


