छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड के कुडाल गांव में धर्मांतरण को लेकर विवाद गहरा गया है। ग्रामीणों ने गांव की सीमाओं पर चेतावनी बोर्ड लगा दिए हैं, जिनमें पादरी, पास्टर और धर्मांतरित व्यक्तियों का गांव में प्रवेश वर्जित बताया गया है। यह कदम हाल ही में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है। कुछ दिन पहले गांव की एक महिला, जिसने ईसाई धर्म अपना लिया था, उसकी मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार ईसाई परंपरा से करने का प्रयास किया गया। ग्रामीणों के विरोध के बाद तनावपूर्ण स्थिति बन गई। अंततः महिला के शव को भानुप्रतापपुर में दफनाया गया। धर्मांतरण के प्रचार-प्रसार के लिए गांव में आने पर रोक कुडाल के सरपंच और ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हो रहे धर्मांतरण से आदिवासी संस्कृति और परंपराएं प्रभावित हो रही है। इसी कारण ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि धर्मांतरण के प्रचार-प्रसार को गांव में अनुमति नहीं दी जाएगी। यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले कांकेर जिले के नरहरपुर क्षेत्र के जामगांव में भी धर्मांतरण को लेकर विवाद हुआ था। वहां भी ग्रामीणों ने इस पर नाराजगी जताई थी। कुडाल गांव का यह निर्णय उसी असंतोष की एक कड़ी माना जा रहा है।