कांकेर जिले के चारामा विकास खंड के ग्राम पंडरीपानी में खाद की किल्लत से क्षेत्र के किसान परेशान हैं। किसानों को अपनी कृषि उपज बढ़ाने के लिए खाद की आवश्यकता है। वे खाद के लिए लैम्पस के रोज चक्कर लगा रहे हैं। 1 अगस्त को किसानों का सब्र का बांध टूट गया। सैकड़ों की संख्या में किसान ग्राम पंडरीपानी के आदिमजाति सेवा सहकारी समिति लैम्पस पहुंचे। विरोध स्वरूप उन्होंने लैम्पस के शटर को बंद कर प्रशासन से खाद की आपूर्ति की मांग की। किसानों का कहना है कि खाद सावन महीने में छिटना था। सावन निकल रहा है, मगर अभी तक उन्होंने अपने खेतों में एक भी बोरी खाद नहीं छिटकी है। इससे उनकी फसल बर्बाद होने के कगार पर है। उनका आरोप है कि निजी दुकानों में दो गुना अधिक रेट से ब्लैक में खाद मिल रहा है। खाद नहीं मिला तो फसल बर्बाद – किसान किसानों ने कहा कि खाद नहीं मिला तो वे बर्बाद हो जाएंगे। कर्ज का पैसा कहां से चुकाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के निजी दुकानों में दो गुना अधिक रेट से ब्लैक में खाद मिल रहा है। मगर लैम्पस में किसानों के लिए पर्याप्त खाद नहीं है। किसानों ने सवाल उठाया कि निजी दुकानों में खाद कहां से आपूर्ति होती है। प्रशासन इसका जवाब दे। सरकारी खाद नहीं मिलने के चलते निजी दुकानदार उन्हें लूट रहे हैं। 6 गांव के किसान प्रभावित तेलगुडा, भिरौद, पंडरीपानी, भिलाई, जुनवानी और तांशी के किसानों ने बताया कि उनके पास 4 एकड़, 10 एकड़, 20 एकड़ जैसे खेत हैं। बहुत मशक्कत के बाद आज वे धरने पर बैठे हैं। खेतों के लिए समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद चाहिए। समय पर खाद नहीं डालने से फसल बर्बाद होने का डर है। पूर्व सरपंच पुसऊ राम चंदवंशी, संघ के अध्यक्ष महेश धनेलिया, महाबली सलाम, हेतराम नागराज, लाल सिन्हा, दिनेश नेताम, सेनाजीत नागराज और अन्य किसानों ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इस संबंध में पंडरीपानी लैम्पस प्रबंधक छन्नूलाल साहू ने बताया कि डीएमओ से जिस मात्रा में जैसी आपूर्ति होती है। किसानों को वितरण कर देते है। अभी तक लैम्पस में डीएपी खाद 1200 बोरी आ चुकी है। जिसे 680 किसानों में 900 बोरी खाद वितरण किया जा चुका है। अभी वर्तमान में 300 बोरी यूरिया और 300 बोरी डीएपी खाद स्टाक में है, जल्द वितरण किया जायेगा।