राज्य की भाजपा सरकार की एक साल की विफलताओं और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी करने के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सम्मान मार्च निकाला। यह मार्च जंक्शन की धानमंडी के नजदीक स्थित अम्बेडकर सर्किल से रवाना होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचा। उसके बाद अमित शाह को गृह मंत्री के पद से बर्खास्त करने की मांग के संबंध में राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। विधायक डूंगरराम गेदर ने कहा कि गृह मंत्री को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने संविधान पर अपने विचार रखते हुए बाबा साहेब का अपमान किया। उनके इस बयान से देश का जनमानस आहत हुआ है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहब का उपहास उड़ाया है। गृह मंत्री के तौर पर जब अमित शाह संविधान निर्माता का सम्मान नहीं कर रहे हैं, तो फिर उनको अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पीसीसी महामंत्री आरसी चौधरी ने कहा कि बाबा साहब पर जो टिप्पणी की गई है, वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस टिप्पणी से किसी एक समाज का नहीं बल्कि पूरे भारत देश के संविधान को बनाने वाले महापुरुष का अपमान हुआ है। हम अपने संविधान को बनाने वाले का अपमान सहन नहीं करेंगे। उन्होंने बाबा साहब पर की गई टिप्पणी को अशोभनीय बताते हुए कहा कि इस टिप्पणी को लेकर अमित शाह इस्तीफा दें या माफी मांगें। डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने कहा कि अमित शाह की टिप्पणी को संविधान निर्माता अंबेडकर का अपमान करार देते हुए इसे भारतीय संविधान के खिलाफ बीजेपी की मानसिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अमित शाह की टिप्पणी संविधान निर्माता और दलित समुदाय के प्रति अपमानजनक है। यह बीजेपी की दलित विरोधी और संविधान विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। नोहर विधायक अमित चाचाण व पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने न तो शाह से इस्तीफा मांगा और न ही उनकी टिप्पणी की निंदा की। इसके बजाए उनके ट्वीट अमित शाह के बयान का समर्थन करते प्रतीत होते हैं। पीसीसी सदस्य भूपेन्द्र चौधरी ने अमित शाह के बयान को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि बीजेपी के कार्य न केवल अंबेडकर की विरासत को खतरे में डालते हैं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाने की योजना बनाई है ताकि बीजेपी की दलित विरोधी नीति और अंबेडकर के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर किया जा सके। जिला प्रमुख कविता मेघवाल एवं पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ ने कहा कि भाजपा की नियत बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान विरोधी है। गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया है और ये सब पूरी दुनिया ने देखा है। बाबा साहेब का अपमान देश सहन नहीं कर सकता। पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर और एससी विभाग के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया ने राजस्थान की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में विकास की एक भी योजना नहीं बनी। सरकार अपनी झूठी वाहवाही करने में लगी हुई है। मार्च में ये हुए शामिल
इस मौके पर पीसीसी सचिव संजय मेघवाल, संगठन महामंत्री गुरमीत सिंह चन्दड़ा, उपाध्यक्ष करणीसिंह राठौड़, इकरामुदीन, बालचन्द ज्याणी, जयदेव भिड़ासरा, चन्द्रपाल भोबिया, जगदीश सिंह राठौड़, महामंत्री गुरदीप चहल, मनोज सैनी, इशाक खान, रविन्द्र बेनीवाल, इन्द्रजीत शर्मा, राज पूनिया, मनोज बड़सीवाल, अशाराम बडगुजर, सचिव मांगीलाल स्वामी, विजेन्द्र साईं, रणवीर सिहाग, सुभाष घोटिया, सुरेन्द्र कांसल, सुखपाल सिंह इन्द्रगढ़, मोहम्मद हुसैन खोखर, बलराज सिंह, सोशल मीडिया प्रभारी जयराम ढूकिया, कृष्ण पेंटर, प्रवक्ता अश्विनी पारीक, ब्लॉक अध्यक्ष संदीप सिद्धू देहात हनुमानगढ़, जिनेन्द्र जैन शहर, सुधीर गोदारा, अजय ढिल भादरा, देवीलाल रावतसर, बलवीर सिद्धू पीलीबंगा, प्रधान सोहन ढिल, कृष्ण जैन, श्याम सुन्दर मेघवाल, उप जिला प्रमुख मुकेश सहारण, महावीर सहारण, मोहनलाल इन्दलिया, सुलोचना बावरी, प्रवीणा मेघवाल, हरिसिंह बरोड़, डॉ. अजय ढिल, विशाल गोस्वामी, देवीलाल मटोरिया, सुधीर गोदारा सहित सैकड़ों कांग्रेसजन मौजूद रहे।