कानपुर के फेमस गुप्ता जी के छोले-भटूरे:4 तरह के बनाते हैं स्वादिष्ट कुल्चा, घर के मसालों का यूज; 60 साल पुराना स्वाद आज भी बरकरार

वैसे तो आपने कई जगहों पर छोले-भटूरे का स्वाद लिया होगा, मगर क्या कभी आपने कानपुर के गुप्ता जी के यहां का स्वाद चखा है। यहां का स्वाद ऐसा है कि एक बार जो खाता है वो फिर हमेशा के लिए इनके स्वाद का मुरीद हो जाता है। कानपुर आए और गुप्ता जी की शॉप पर नहीं गए तो क्या ही फायदा फिर। आज हम आपको जायका सीरीज में गुमटी नंबर 5 के गुप्ता जी के छोले-भटूरे की खासियत बताते हैं। 60 साल पुराना स्वाद आज भी वैसा
फिरोजाबाद के रहने वाले धर्मवीर गुप्ता 15 साल की उम्र में कानपुर आ गए थे। उन्होंने आज से करीब 60 वर्ष पूर्व गुमटी नंबर 5 में गुप्ता छोले-भटूरे के नाम से ठेला लगाया था। गुप्ता जी की पत्नी आशा गुप्ता ने अपने हाथों से इस छोले को घर के मसाले से तैयार किया करती थी, वो स्वाद लोगों को ऐसा पसंद आया कि आज अगर छोले-भटूरे की बात होती है तो गुप्ता जी की जिक्र जरूर होता है। आज भी 60 साल पुराना स्वाद बरकरार रखा है। घर के मसाले से तैयार होता है छोला
धर्मवीर के बेटे पिंटू गुप्ता ने बताया कि पिछले 36 सालों से इस दुकान को मैं संभाल रहा हूं। हमारे छोले की खासियत सिर्फ इतनी है कि ये किसी को भी नुकसान नहीं करता है, क्योंकि इस छोले में काली मिर्च, दाल चीनी, खड़ी धनिया, लौंग, इलायची, तेज पत्ता आदि मसालों का मिश्रण मिलाया जाता है। ये सभी मसाले घर के ही होते है। बाहर के किसी भी मसाले का हम लोग प्रयोग ही नहीं करते है। इस तरह से छोले बनाने का आइडिया हमारी माता आशा गुप्ता ने दिया था। आज उसी धरोहर को संभाल रहे हैं और लोगों को ये स्वाद खूब पसंद आ रहा है। 4 प्रकार के बनते है कुल्चे
पिंटू ने बताया कि हमारे यहां भटूरे के अलावा 4 प्रकार के कुल्चे तैयार किए जाते है। आलू कुल्चा, पनीर कुल्चा, मिक्स कुल्चा, गोभी कुल्चा। कुल्चे के अंदर जो भी सामग्री भरते है उसमें भी किसी प्रकार के बाहरी मसाले का प्रयोग नहीं करते है। उसमें भी घर का ही मसाला पड़ता है। कस्टमर रिव्यू

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