महिला महाविद्यालय, किदवई नगर कानपुर में बुधवार को “गीता जयंती” (मोक्षदा एकादशी) के अवसर पर विशाल मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। इसके साथ ही गीता श्लोक पाठ किया गया। “श्रीमद्भगवदगीता के महत्व” विषय पर संस्कृत में निबंध और चार्ट प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ। गीता के श्लोकों का वाचन किया गया
सर्वप्रथम श्री कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से जीवन को उच्च बनाने के लिए छात्राओं द्वारा गीता का संदेश देती हुई मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया। इसके साथ ही छात्रों ने उच्च स्वर में गीता के श्लोकों का वाचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अंजू चौधरी ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ ग्रन्थ पर पुष्प अर्पित कर किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्या ने कहा- गीता समस्त विश्व के लिए आध्यात्मिक दीप स्तम्भ हैं, ये हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। गीता के उपदेशों का सार आत्मसात् करने से मन- मस्तिष्क शुद्ध होता है। साथ ही जीवन के कठिन रास्तों पर आनंदपूर्वक चलने का मार्ग भी प्रशस्त होता है। श्रीकृष्ण के उपदेश, ज्ञान, भक्ति और कर्म का सागर
मुख्य अतिथि संस्कृत भारती कानपुर प्रान्त के मंत्री चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गीता में श्रीकृष्ण के उपदेश, ज्ञान, भक्ति और कर्म का सागर है। गीता में वह शक्ति है जो हारे हुए निराश व्यक्ति को पुनः संपूर्ण बल एवं आशा के साथ खड़ा कर सकती है।
संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रो. अर्चना श्रीवास्तव ने गीता के माहात्म्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘गीता में संसार की समस्त शुभता निहित है। ये चरित्र निर्माण का एक उत्तम शास्त्र है। गीता सभी समस्याओं का समाधान कर सभी दुखों को हरने वाली कामधेनु जैसी है।
कार्यक्रम में प्रो. ममता गंगवार, प्रो. प्रतिभा श्रीवास्तव, प्रो. नीता मिश्रा, प्रो. ममता दीक्षित, प्रो. मनीषा शुक्ला, प्रो. रश्मि चतुर्वेदी, डॉ. ज्योति किरण, डॉ. दिपाली, डॉ. सबा यूनुस, डॉ. निशी, डॉ. अनामिका वर्मा, डॉ. मीरा त्रिपाठी, श्रीमद्भगवदगीता वैदिक न्यास कानपुर दक्षिण के अध्यक्ष भूपेश अवस्थी, महासचिव राजेंद्र अवस्थी आदि मौजूद रहें। यहां भी हुआ कार्यक्रम का आयोजन इंटरनेशनल सेंटर इंग्लिश स्कूल, कानपुर और प्रो. एचएन मिश्रा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के अध्यक्ष सुष्मित मिश्रा के संरक्षण में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया। मानव श्रृंखला के निर्माण के माध्यम से महान ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता को सभी भारतवासियों तक पहुंचा कर उन्हें जीवन को सार्थक बनाने का संदेश दिया गया। गीता का ज्ञान व्यक्ति को दुख, क्रोध, लोभ और अज्ञानता के दलदल से बाहर निकालने के लिए प्रेरित करता है। इस मौके पर स्कूल की प्रधानाचार्या सुमालिका प्रभात, निर्देशिका मृदु चौहान आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।