कारोबारी रणजीत गिल की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई:पंजाब सरकार दाखिल करेगी जवाब; हरियाणा सीएम नायब सैनी ने बीजेपी में करवाया शामिल

पंजाब बीजेपी के नेता और रियल एस्टेट कारोबारी रणजीत सिंह गिल गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे हैं। आज उनकी तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर अदालत में सुनवाई होगी। इस दौरान पंजाब सरकार की ओर से दाखिल जवाब भी प्रस्तुत किया जाएगा। गिल के बीजेपी में शामिल होने के मात्र 12 घंटे बाद ही विजिलेंस ने उनके चार ठिकानों पर छापेमारी की थी। हालांकि उन्हें हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने अपने आवास पर बीजेपी में शामिल करवाया था। गिल ने अपनी याचिका में दिए हैं दो प्वाइंट 1. याचिका में गिल ने कहा है कि एक अगस्त को बीजेपी में शामिल होते ही उनके खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई शुरू कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार के इशारे पर विजिलेंस विभाग ने बिना किसी समन, नोटिस या कानूनी प्रक्रिया के तलाशी वारंट हासिल किए। 2. अगस्त को विजिलेंस ने उनके चार परिसरों, जिनमें उनका निवास भी शामिल है, पर छापेमारी की, लेकिन कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई। सरकार बोली मजीठिया के निवेश का पता चला विजिलेंस ब्यूरो ने रणजीत सिंह गिल पर कार्रवाई की थी। सरकार का दावा है कि यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़ी है। मजीठिया और रणजीत गिल के बीच करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन के सबूत मिलने का दावा किया गया है। छापेमारी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। इसके बाद गिल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा था कि “यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध है। मुझे पता चला है कि विजिलेंस कुछ लेन-देन की बात कर रही है। ये एंट्री 2012 की हैं और कंपनी से कंपनी के बीच सही तरीके से हुए लेन-देन हैं। इन लेन-देन को उनके आयकर रिकार्ड में भी जोड़ा गया है।”

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