राजस्थान में पहली बार किसी विधायक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। बागीदौरा (बांसवाड़ा) विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) विधायक जयकृष्ण पटेल को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 20 लाख रुपए की घूस लेते 4 मई (रविवार) को पकड़ा था। इस पूरे ट्रैप को अंजाम देने वाली टीम को लीड कर रहे एसीबी के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा से भास्कर ने एक्सक्लूसिव बात की। उन्होंने बताया कि विधायक को एसीबी की हलचल की भनक लग चुकी थी। फिर भी टीम विधायक पर शिकंजा कसने में कामयाब रही। इसकी पूरी इनसाइड स्टोरी पढ़िए… सवाल : एक विधायक को ट्रैप किया। क्या चुनौतियां रहीं? कैसे अंजाम दिया गया?
जवाब : इस ट्रैप में बहुत सारी चुनौतियां थीं। क्योंकि एक सिटिंग विधायक को पकड़ना था। हमें डर था कि कहीं कुछ ऐसा न हो जाए जो विधायक के सम्मान के विरुद्ध हो। लेकिन हमने बहुत सावधानीपूर्वक एक्शन लिया। विधानसभा अध्यक्ष को हमने सूचना दी। उन्हें जब हमने पूरी स्टोरी बताई तो उन्होंने पूरी कार्रवाई की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि आप पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर कार्रवाई कीजिए। भविष्य में आप ऐसी कार्रवाई करते रहिए। सरकार की जो जीरो टॉलरेंस की नीति है, उसके अनुसार उनका कहना था। सवाल : क्या विधायक को आपकी कार्रवाई की भनक नहीं लगी?
जवाब : हां, शिकायत मिलने के बाद जब एसीबी टीम पूरे मामले की जांच के लिए बांसवाड़ा गई थी, तब विधायक बेहद सतर्क थे। उन्होंने शिकायत करने वाले को कॉल करके कहा था गाड़ी में एक्स्ट्रा लोग कौन हैं। विधायक ने उन्हें गाड़ी से उतरवाया। शिकायतकर्ता पर विधायक ने पूरी निगरानी रखी। (दरअसल, एसीबी में शिकायत के बाद टीम ने सत्यापन और सबूत इकट्ठे करने के लिए विधायक और शिकायतकर्ता की मीटिंग बांसवाड़ा में करवाई थी। ताकि पैसों का लेनदेन रिकॉर्ड हो सके) 4 मई को भी ट्रैप की कार्रवाई से पहले विधायक बहुत सतर्क था। पहले शिकायतकर्ता को विधायक ने अपने क्वार्टर ( विधायक आवास, फ्लैट नंबर 804) में बुलाया। फिर विधायक आवास परिसर में वो कहीं और गए। फिर शायद पहले से इनकी (विधायक) प्लानिंग थी कि 20 लाख रुपए गिनने के बाद पैसों से भरा बैग किसी और को दे देंगे। इसमें सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि हमें विधायक के खिलाफ सबूत जुटाने थे। सबूत जुटाने के लिए गोपनीयता बेहद जरूरी थी। हमने ऐसा किया भी। नोट पर लगे रंग विधायक के हाथ में लग चुके थे। एक महीने तक इस ऑपरेशन को गुप्त रखा। यह भी हमारे लिए बड़ी चुनौती थी। केवल दो-तीन लोगों को ऑपरेशन के बारे में जानकारी थी। सवाल : बीजेपी सरकार पर बीएपी राजनीति का शिकार बनाने के आरोप लगाती रही है। अब इस कार्रवाई के बाद क्या एसीबी सियासी आरोपों से बच पाएगी?
जवाब : देखिए, राजनीति मेरा विषय नहीं है। एसीबी के हिसाब से अगर कोई केस बनता है, अगर घूस लेने वाला कोई पब्लिक सर्वेंट है, हम उसके खिलाफ कार्रवाई करते हैं, और वो हमने किया भी। इस कार्रवाई में हमें एक महीना लगा। बाकी जो राजनीति से जुड़े प्रश्न हैं, वो मेरे कार्यक्षेत्र से बाहर हैं। उन पर मैं उत्तर नहीं दे पाऊंगा। सवाल : ऑपरेशन के दौरान कोई राजनीतिक प्रेशर था। एक विधायक को ट्रैप करना और वो भी राजस्थान के इतिहास में पहली बार, यह आसान नहीं था?
जवाब : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) पर न तो पहले कोई दबाव रहा है और न इस ऑपरेशन के दौरान किसी तरह का कोई दबाव था। सरकार की जो जीरो टॉलरेंस की नीति है। एसीबी को फ्री हैंड काम करने का मौका मिला है। सवाल : आपने अभी बताया- विधानसभा अध्यक्ष ने आपको कहा कि और भी कोई विधायक इस तरह की करतूत में शामिल हो तो कार्रवाई करें, तो क्या और भी विधायक एसीबी की रडार पर हैं?
जवाब : फिलहाल तो नहीं है। लेकिन जनता को इस कार्रवाई से यह तो पता चलेगा कि एमएलए भी एक पब्लिक सर्वेट (जनप्रतिनिधि) है। उनके लिए भी कानून यही है। कानून सबके लिए बराबर है। हालांकि विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले सावधानी कुछ ज्यादा बरतनी पड़ती है। मुझे यकीन है कि इस तरह का और कोई भी केस आएगा तो हम उसे करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। सवाल : शिकायतकर्ता की माइनिंग टोडाभीम में है और बागीदौरा का विधायक विधानसभा में सवाल लगा रहा है, अगर माइनिंग अवैध नहीं थी तो शिकायतकर्ता को घबराने की कहां जरूरत थी?
जवाब : शिकायतकर्ता की पीड़ा यही थी कि मैं बिल्कुल जायज काम कर रहा हूं फिर भी काफी दूर का जनप्रतिनिधि जिनका इलाके से कोई लेना-देना नहीं है वो सदन में सवाल लगाकर मुझसे पैसों की डिमांड कर रहा है। शिकायतकर्ता इसको लेकर बिल्कुल स्पष्ट था कि मुझे पैसे नहीं देने और इसे पकड़वाना है। इससे साफ है कि जब तक शिकायतकर्ता मजबूत न हो एसीबी का ट्रैप करना बहुत मुश्किल होता है। इस केस में शिकायतकर्ता बिल्कुल मजबूत थे। जैसा हमने गाइड किया, उन्होंने एसीबी का साथ दिया। सवाल : क्या विधायक ने कार्रवाई का विरोध किया या भागने की। जब लड़का पैसे का बैग लेकर भाग गया तो विधायक भी भाग सकता था?
जवाब : नहीं, विधायक ने भागने की कोशिश नहीं की। वो आवास पर ही मौजूद रहे। दूसरा वो भाग भी नहीं सकते थे। वहां एसीबी की बड़ी टीम मौजूद थी। हां, उन्होंने यह जरूर कहा कि उन्होंने कोई पैसे नहीं लिया है। उनका कोई दोष नहीं है। यह स्वाभाविक है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
ACB राजस्थान ने 4 मई की दोपहर बागीदौरा (बांसवाड़ा) से विधायक (BAP) जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि विधानसभा में लगाए खनन विभाग से जुड़े सवालों को वापस लेने के लिए BAP के विधायक जयकृष्ण ने 10 करोड़ की डिमांड की थी। बाद में 2.5 करोड़ रुपए में सौदा हुआ था। जयकृष्ण पटेल ने शिकायतकर्ता को जयपुर में ज्योति नगर स्थित सरकारी आवास पर रिश्वत लेकर बुलाया था। हालांकि विधायक का कोई व्यक्ति रिश्वत के 20 लाख रुपए से भरा बैग लेकर फरार हो गया। जो व्यक्ति पैसे लेकर भागा है, उसकी तलाश जारी है। एसीबी डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा के अनुसार, विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। हाथ धुलवाए तो उनमें रंग आया। विधायक ने पैसों को हाथ लगाया था, हमारे पास पैसा लेकर जाते के वीडियो एविडेंस हैं। 4 अप्रैल को शिकायत मिली, सत्यापन के बाद विधायक के फोन कॉल सर्विलांस पर लिए
एसीबी डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया- रविंद्र सिंह ने 4 अप्रैल को शिकायत दी थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने उसका सत्यापन कराया। इसमें विधायक बार-बार शिकायतकर्ता को फोन कर पैसा देने के लिए कह रहा था। इसके बाद से विधायक, उसके गनमैन, पीएस और शिकायतकर्ता के सभी फोन कॉल 24 घंटे सुने जाने लगे। विधायक ने कार में बैठकर गिने रिश्वत के रुपए
एसीबी डीजी ने बताया- रात को विधायक का शिकायतकर्ता के पास फोन आया और सुबह विधायक क्वार्टर पर आने के लिए कहा। इसके बाद एसीबी की पांच टीमें सुबह से ही विधायक क्वार्टर के पास पहुंच गईं। 4 मई की सुबह करीब 11.30 बजे शिकायतकर्ता पैसा लेकर विधायक आवास के बेसमेंट में पहुंचा। यहां पर विधायक पहले से मौजूद था। शिकायतकर्ता ने कार में ही विधायक को रुपए दिए, जिनको विधायक ने कार में बैठकर गिना। इसके बाद विधायक ने पैसा किसी अन्य व्यक्ति को दिया, जो पैसा लेकर निकल गया। पिछले साल उपचुनाव में जीता था
जयकृष्ण पटेल 2024 में विधानसभा उपचुनाव में बागीदौरा से BAP के टिकट पर जीता था। उसने बीजेपी प्रत्याशी सुभाष तंबोलिया को हराया था। विधानसभा चुनाव 2023 में जयकृष्ण पटेल को कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय से हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव से पहले मालवीय बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। उपचुनाव में पटेल को जीत मिली। सवाल वापस लेने पर नाराज हुए थे विधानसभा अध्यक्ष
विधायक जयकृष्ण पटेल ने सवाल वापस लेने के लिए प्रोसेस किया था। जानकारी विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी तक पहुंची। उन्होंने पता किया कि सवालों में क्या है और क्या असर पड़ेगा? इसके बाद उन्होंने सवाल वापसी पर नाराजगी जाहिर की थी। यहां तक कहा था कि सवाल वापस नहीं होने चाहिए। हालांकि विधायक के पास प्रश्न वापस लेने का अधिकार होता है। देवनानी में सदन में ये व्यवस्था भी दी थी कि कोई एमएलए सवाल लगाकर इधर-उधर नहीं होगा। गलत परंपरा नहीं चलेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- प्रश्न लगने के बाद वापस नहीं होना चाहिए
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधानसभा में एक बार प्रश्न लगने के बाद वापस नहीं होने चाहिए। जयकृष्ण पटेल के घूस लेने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- ऐसे मामलों में पहले कोर्ट फैसला करेगा और इसके बाद उनकी विधायकी पर निर्णय होगा। देवनानी ने कहा कि विधायक बनने के बाद सभी को ईश्वर की शपथ दिलाई जाती है। साथ ही, कई बातें बताई जाती हैं। देश की आजादी के बाद विधानसभा में घूस से जुड़ा ये पहला केस है। सिर्फ एक केस होने से हम सभी को शक की दृष्टि से नहीं देख सकते। उधर, भाजपा से अंता विधायक कंवरपाल को तीन साल की सजा होने के बाद भी एक्शन नहीं होने के सवाल पर देवनानी ने कहा- इस संबंध में सर्टिफाइड कॉपी विधानसभा तक नहीं पहुंची है। जब पहुंचेगी, तब नियमानुसार कार्रवाई कर दी जाएगी। MLA रिश्वतकांड से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… विधायक रिश्वतकांड- टोडाभीम-MLA घनश्याम महर भी सवालों के घेरे में:चुनाव लड़ चुके बीजेपी प्रत्याशी बोले- बीएपी विधायक को आगे कर चला रहा था ब्लैकमेलिंग का खेल 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के हत्थे चढ़े बागीदौरा (बांसवाड़ा) विधायक जयकृष्ण पटेल के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक पटेल खुद की विधानसभा क्षेत्र से 600 किलोमीटर दूर करौली जिले की टोडाभीम विधानसभा में सोप स्टोन का खनन करने वाली टालकोस इंडिया एलएलपी कंपनी को ब्लैकमेल कर रहे थे…(CLLICK कर पढ़ें) 20 लाख की घूस लेते BAP विधायक गिरफ्तार:कार में बैठकर गिने रुपए; विधानसभा में लगाए सवाल वापस लेने के लिए मांगे थे 10 करोड़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) राजस्थान ने बागीदौरा (बांसवाड़ा) से विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। राजस्थान में यह पहली बार है, जब किसी विधायक को रिश्वत लेते अरेस्ट किया गया है। विधानसभा में लगाए खनन विभाग से जुड़े सवालों को वापस लेने के लिए भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण ने 10 करोड़ की डिमांड की थी। पढ़ें पूरी खबर…