दौसा के पापडदा क्षेत्र के कालीखाड गांव में खुले बोरवेल में गिरने से पांच साल के आर्यन की मौत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर देवेन्द्र कुमार के निर्देश के बाद जिलेभर खुले बोरवेल और कुंओं के ढकने की कवायद तेज हो गई है। प्रशासन ने शुक्रवार से जिलेभर में अभियान चलाकर खुले कुएं और बोरवेल ढकने की कार्यवाही शुरू कर दी है। पहले दिन करीब 27 कुएं और बोरवेल को ढका गया। कलेक्टर ने बताया कि जिले में खुले कुएं, बोरवेल, ट्यूबवेल एवं पोण्ड निर्माण से हादसे होने की आशंका रहती है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 11 फरवरी 2010 को ऎसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों की पालना के लिए पूर्व में भी संबंधित अधिकारियों को समय-समय पर निर्देशित किया गया है। कलेक्टर ने खुले कुएं और बोरवेल को ढकने तथा अनुपयोगी कुएं, बोरवेल, ट्यूबवेल एवं पॉण्ड का भराव करने के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि खातेदारी एवं सरकारी भूमि का सर्वे संबंधित तहसीलदारों की ओर से करवाया जाएगा। आबादी भूमि एवं चारागाह भूमि का सर्वे संबंधित विकास अधिकारियों तथा नगर परिषद एवं नगर पालिका क्षेत्र की आबादी भूमि का सर्वे संबंधित आयुक्त और अधिशाषी अधिकारी द्वारा करवाया जाएगा। इसी प्रकार भू-जल विभाग एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा खोदे गए नलकूप एवं ट्यूबवैल का सर्वे संबंधित विभागों द्वारा तथा सुखे पड़े विभिन्न पॉण्ड का सर्वे कृषि विभाग की ओर से करवाया जाएगा।