छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के बाद शैक्षणिक सत्र के पहले दिन हजारों की संख्या में शिक्षक काली पट्टी लगाकर स्कूलों में पहुुंचे और ड्यूटी की। शिक्षक साझा मंच ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को विसंगतिपूर्ण बताते हुए 2008 के सेटअप के आधार पर फिर से युक्तियुक्तकरण किए जाने की मांग रखी है। युक्तियुक्तकरण में अधिकारियों ने जमकर मनमानी की, इसे लेकर भी शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षक साझा मंच के प्रांतीय पदाधिकारी हरेन्द्र सिंह, सुनील सिंह व जिला संचालक सर्वजीत पाठक, कमलेश सिंह, संदीप पांडेय की अपील पर 16 जून से शैक्षणिक सत्र के पहले दिन शिक्षक, शासन की नीतियों के विरोध में काली पट्टी लगाकर स्कूल पहुंचे। शिक्षकों ने इस विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण के प्रकिया में भारी अनिमियतता पर आक्रोश जताया। साझा मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि शिक्षक लगातार काली पट्टी लगाकर स्कूल पहुंचेंगे। शाला प्रवेशोत्सव में भी काली पट्टी लगाकर ही शिक्षक शामिल होंगे। वर्ष 2008 का सेटअप लागू करने की मांग
शिक्षक साझा मंच ने वर्ष 2008 का सेटअप लागू कर फिर से युक्तियुक्तकरण करने की मांग रखी है। सेटअप घटा दिए जाने से बड़ी संख्या में जिलों एवं संभाग स्तर पर सहायक शिक्षक एवं शिक्षक अतिशेष बच गए हैं, जिन्हें पुराने स्कूलों में भेज दिया गया है। यह स्थिति स्कूलों का सेटअप कम किए जाने के कारण बनी है। अधिकारियों ने मनमानेे तरीके से अतिशेष का निर्धारण किया, जिसे लेकर भी आक्रोश है। शिक्षक साझा मंच के पदाधिकारी जन प्रतिनिधियों एवं पालकों को युक्तियुक्तकरण की नीति की खामियों को बताएंगे एवं लगातार पत्र भेजकर मुख्यमंत्री, राज्यपाल को पत्र लिखकर नए सिरे से युक्तियुक्तकरण की मांग रखेंगे। मनमानी कर रहे जिले के अधिकारी
साझा मंच ने आरोप लगाया है कि शासनादेश का भी उलंघन अधिकारी कर रहे हैं। सरगुजा जेडी के कार्यालय में बलरामपुर एबीओ विनोद राय एवं एबीओ मैनपाट प्रवीण सिन्हा को कार्यालय में अटैच रखा गया है, जबकि सभी प्रकार के अटैचमेंट शासन ने समाप्त कर दिया है। डीईओ व साक्षर भारत कार्यालय में भी शिक्षक अटैचमेंट समाप्त करने के बाद भी अटैच रखे गए हैं। इनमें से कई शिक्षक अतिशेष थे, लेेकिन अधिकारियों ने इन्हें बचा दिया है। मनमाने तरीके से अतिशेष निर्धारण को लेकर आक्रोश
शिक्षक साझा मंच ने पोल खोल रैली निकालकर जिला स्तर पर अतिशेष निर्धारण की खामियां बताई थीं। इन खामियों को लेेकर डीपीआई, रायपुर को भी पत्र भेजा जा रहा है।