वाराणसी में महाशिवरात्रि पर अमेरिका की महिला अन्ना थेरेसा फ्लोरे ने सनातन धर्म अपनाया। ब्रह्मचर्य की दीक्षा ग्रहण की। 11 पंडितों ने अन्ना से शिव का जलाभिषेक कराया। शक्तिधाम आश्रम की संस्थापक जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने उनका नया नाम अपर्णा देवी रखा। अन्ना थेरेसा फ्लोरे ने ब्रह्मचर्य की दीक्षा को अद्भुत बताया। कहा- मैं सनातन धर्म से अभिभूत हूं। इसकी सरलता मुझे आकर्षित करती है। यह एहसास मुझे आनंदित करता है। अब मुझे लगता है कि जीवन का लक्ष्य मिल गया है। मेरा जीवन सनातन को समर्पित रहेगा। अन्ना थेरेसा ने बताया- पहले मैं एक कंपनी में काम करती थी, फिर धीरे-धीरे सनातन धर्म के प्रति झुकाव बढ़ता चला गया। पांच साल पहले मैं साईं मां के संपर्क में आई। फिर उनसे सनातन धर्म के बारे में विस्तार से जाना। मैं महाकुंभ में भी गई थी, जहां साधु-संतों से मिली। दीक्षा दिलाने वाली जगद्गुरु साईं मां कौन हैं? जगद्गुरु साईं मां मूल रूप से मॉरीशस की रहने वाली हैं। वह श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा से भी जुड़ी हैं। 2007 के प्रयागराज अर्धकुंभ में वैष्णव साधु समाज ने साईं मां को जगद्गुरु की उपाधि दी थी। उनके शिष्य अमेरिका, जापान, कनाडा, यूरोप, इजराइल और दक्षिण अमेरिका जैसे कई देशों में हैं। साईं मां ने कहा- हजारों साल पुराना सनातन धर्म अपने आप में अद्भुत है। नशे और तनाव में डूबे हुए आज के युवाओं को सही राह सनातन ही दिखा सकता है। इसी वजह से लोग सनातन की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इसे अपना रहे हैं —————————– ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ का समापन कार्यक्रम आज:CM योगी दोनों डिप्टी सीएम के साथ शामिल होंगे, रिकॉर्ड 66 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी महाकुंभ का आज समापन कार्यक्रम है। सीएम योगी, केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव, दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शामिल होंगे। योगी दोपहर में गंगा पंडाल में पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों, नाविकों को सम्मानित करेंगे। बुधवार को महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान था। इस दौरान 1.53 करोड़ ने डुबकी लगाई। वहीं, पूरे महाकुंभ आयोजन के दौरान रिकॉर्ड 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। ये आंकड़ा अमेरिका की आबादी (करीब 34 करोड़) से दोगुना है। पढ़ें पूरी खबर