काॅलोनी में सफाई व स्वच्छ पेयजल न मिलने पर नाराज हैं श्रमिक

औद्योगिक नियमों का हवाला देकर मजदूर संघों ने महाप्रबंधक को दी हड़ताल की चेतावनी
काॅलोनी में सफाई व स्वच्छ पेयजल न मिलने पर नाराज हैं श्रमिक
संतोष कुमार झा
जमुना कोतमा ।
काॅलरी की विभिन्न ईकाईयों में काम कर रहे मजदूर काॅलरी द्वारा आवंटित आवासों में निवास करता है। इन काॅलोनियों की साफ सफाई मरम्मत, विद्युत आपूर्ति और स्वच्छ पेयजल प्रदान करने की जिम्मेदारी काॅलरी प्रबंधन की होती है। पिछले कुछ सालों में मजदूर हित से जुड़े हुए मुददों पर प्रबंधन की अनदेखी और लापरवाही आए दिन देखने को मिल रही है। पिछले कुछ समय से काॅलरी क्षेत्र के श्रमिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन से मिन्नतें करता रहा है। पर प्रबंधन है कि उसके कान पर जू नहीं रेंग रही है। अंततः मजदूरों अपने अपने संघों के माध्यम से प्रबंधन को चेतावनी दे डाली। इस पर भी जब बात न बनी तो आईआर बैठकों में भी अपनी मांगों को दोहराया इसके बाद भी प्रबंधन ने एक न सुनी। अब मामला यहां तक पहुंच गया है कि एक दूसरे को देख न सकनें वाले मजदूर संघ परेषानियों के चलते एक मंच पर खड़ा है। यूं कहें कि प्रबंधन ने ही मजदूर संघों के मतभेद को मिटाने में एक अहम भूमिका निभाई है। वहीं दूसरे तरफ अपने लिए परेषानी खड़ी कर ली है।
क्या हैं समस्याएं
प्रबंधन काॅलरी क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली और आवास की व्यवस्था को देखता है। जानकार बताते हैं कि श्रमिक हितों के नाम पर सरकारी खजाने की लूट काफी लम्बे अरसे से बदस्तूर जारी है। श्रमिक संघ के सूत्र बताते हैं कि सड़क के नाम पर घटिया गुणवत्ता की सड़क बनाई गई है। पेयजल आपूर्ति के लिए बना फिल्टर प्लांट हमेषा विवादों के घेरे में रहता है। बिजली चोरी से करोड़ो का नुकसान हो रहा है। बिजली चोरी में काॅलरी के जिम्मेदार सुपर वाईजर एवं फोरमैन अपनी जेब गरम कर रहे हैं, आवासीय कालोनियों की बजबजाती नालियां इस बात की गबाही देते हैं कि किस तरह सफाई के नाम करोड़ो का गोलमाल किया जा रहा है। स्टाॅफ आॅफिसर सिविल और मातहत ओव्हरसीयर से अभियंता बने जिम्मेदार बारबार अपनी पोस्टिंग जमुना कोतमा क्षेत्र में ही करा लेते हैं।
क्या हैं श्रमिकों की मांगें
मजदूर संघों की मांग है कि जमुना कोतमा क्षेत्र की टाउनशिप में कार्यरत ऐसे विद्युत सुपरवाइर जो कई वर्षों से एक जगह पर कार्यरत है और उनकी नौकरी एक वर्ष से अधिक है। उनका स्थान परिवर्तन कराया जाए। ठेकेदारी मजदूरों का एच.पी.सी. बेजेज का भुगतान कराया जाय तथा उनको सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। जमुना कोतमा क्षेत्र में बायोमैट्रिक की अनिवार्यता पर रोक लगाई जाय तथा सर्वप्रथम ठेका मजदूरों को बायोमैट्रिक में उपस्थित अनिवार्य किया जाए। क्षेत्रीय जे.सी.सी. की असहमति के बाद भी जमुना यू.जी.आर.ओ., कोतमा गोविन्दा, भदरा को एक सबएरिया किया गया है। अविलंब पूर्व की स्थिति बहाल की जाय वर्तमान प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। सीवर प्लांट के नाम पर कालोनियों की खुदाई की गयी है। कचरा यत्र तत्र फैला है। मंदगी का अंबार लगा है अविलम्ब सफाई कराई जाय तथा क्षेत्र में कालोनियों की सफाई व्यवस्था पर सख्ती बरती जाए। क्षेत्र की कोतमा कालरी वर्कशाप जी. एम. ऑफिस श्रमिकों को रविवारीय कार्य दिया जाय। क्षेत्र में विकराल जल संकट है। अविलंब दूर किया जाय तथा भविष्य में ऐसी अरिस्थिति निर्मित न हो उसकी ठोस नीति बनाई जाय। महाप्रबंधक संचालन के अनुवित श्रम व्यवहार तथा उनके व्यवहार से क्षेत्र में औद्योगिक विवाद उत्पन्न होता है जिससे क्षेत्र की उत्पादन व्यवस्था प्रभावित हो सकती है इनको हटाया जाय। औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 22 के तहत धरना प्रदर्शन, हड़ताल आदि की सूचना दे दी गई है। क्षेत्र में व्याप्त प्रमुख समस्याओं को लेकर संयुक्त मोचों के द्वारा धरना प्रदर्षन व हड़ताल करने के लिये बाध्य है।

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