भास्कर न्यूज | लुधियाना संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को डीसी ऑफिस के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ रोष रैली निकाली। बारिश और ठंड के बावजूद किसानों ने पुल के नीचे अपनी आवाज बुलंद की, जिससे क्षेत्र में लंबा जाम लग गया और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। धरने के दौरान किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। धरने के दौरान जिला माल अफसर अंकिता अग्रवाल को मांग पत्र सौंपते हुए किसान नेताओं ने सरकार से जल्द उनकी मांगों पर गौर करने की अपील की। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। मांग पत्र में प्रमुख रूप से यह शामिल था कि दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों पर लगाए गए जुल्मों को तुरंत बंद किया जाए, और ग्रेटर नोएडा की लकशर जेल में बंद सभी किसानों को रिहा किया जाए। इसके साथ ही, किसानों ने राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लेने और किसान संगठनों से तुरंत बातचीत शुरू करने की भी मांग की। किसानों ने इस मौके पर गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादों और शहीदों की शहादत को याद किया और उनके संघर्ष से प्रेरणा लेने का प्रण लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कारपोरेट दबाव में किसानों की जमीनों को कब्जा कर रही है और उन्हें कारपोरेट कंपनियों को सौंपने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, किसानों ने आरोप लगाया कि कारपोरेट कंपनियां नकली खाद्य पदार्थों का उत्पादन कर रही हैं, जिससे आम लोगों का जीने का अधिकार भी छिन रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार से यह अपील की कि वह किसानों और मजदूरों के विरोधी नीतियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करे और आम जनता के हक की नीतियों को लागू करे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आने वाले दिनों में बड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे। इस दौरान धरने में कई प्रमुख किसान नेता उपस्थित थे, जिनमें चरन सिंह नूरपुर, हरनेक सिंह, चमकौर सिंह, बलजीत सिंह ग्रेवाल, सुखदेव सिंह, मनदीप सिंह, सौदागर सिंह, रघुबीर सिंह, जसवीर सिंह, कुलदीप सिंह, बलदेव सिंह, जगतार सिंह, अमर सिंह, गुरसेवक सिंह, सुखविंदर सिंह, जोगिंदर सिंह और रुप संत सिंह समेत अन्य किसान नेता मौजूद रहे।