‘कुंवारे की कभी ना कभी शादी तो होती ही है’:मंत्रिमंडल विस्तार पर सतीश पूनियां बोले- दिल्ली में संपर्क रखने वालों को जितनी जानकारी है, उतनी ही मुझे है

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार पर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और हरियाणा प्रभारी सतीश पूनिया ने कहा- दिल्ली में संपर्क रखने वालों को जितनी जानकारी है, उतनी ही मुझे है। चर्चाओं का माहौल बने रहना भी अच्छा है, इससे लोगों में उम्मीद कायम रहती है। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा- जैसे किसी कुंवारे व्यक्ति को शादी का इंतजार रहता है, वैसे ही कुछ लोगों को मंत्री बनने की आस होगी। देखते हैं क्या होता है, थोड़ा इंतजार करना चाहिए। आखिरकार, कुंवारे की कभी न कभी तो शादी होती ही है। पूनियां ने राज्य सरकार के 2 साल के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें विरासत में एक ऐसी सरकार मिली थी जो पेपर लीक, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बदतर कानून व्यवस्था से जूझ रही थी। उन्होंने यह बातें कोटा के सर्किट हाउस में मीडिया से कहीं। पूनिया ने डोटासरा के आरोपों का दिया जवाब
डोटासरा के इस आरोप पर कि इस सरकार में यमुना का पानी नहीं आएगा, पूनिया ने जवाब देते हुए कहा- वे अपनी बात कह रहे हैं, क्योंकि वे पिछले 50 सालों में पानी लाने में विफल रहे थे। उन्हें इस बात की तकलीफ है कि कोई और पानी लाएगा। पूनिया ने आरोप लगाया कि डोटासरा हमेशा से आशंकित (संदेह युक्त) रहे हैं और इसी कारण उन्होंने मोदी सरकार की योजनाओं को पिछले कार्यकाल में पूरा नहीं होने दिया, बल्कि उन्हें विफल करने का काम किया, चाहे वह जल जीवन मिशन हो या आयुष्मान योजना। पूनिया ने कहा- भारतीय जनता पार्टी की सरकार यमुना के एमओयू को जल्द ही धरातल पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार की जाएगी। निवेश से आर्थिक तरक्की को मिलेगी ताकत
सतीश पूनिया ने कहा- प्रवासी दिवस के मौके पर आज का दिन अहम है, क्योंकि राजस्थान में देश व दुनिया के प्रवासी जुटे हैं। सरकारी जानकारी के अनुसार 7 लाख करोड़ के जो एमओयू हुए थे, वे धरातल पर उतरे हैं। मुझे लगता है कि राजस्थान में पिछले दो वर्षों में जो बड़ा काम हुआ है, वह निवेश का काम है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा, राजस्थान की आर्थिक तरक्की को ताकत मिलेगी, और बाकी अन्य सेक्टर में भी अभिनव काम किया गया है। जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का काम किया
सतीश पूनिया ने कहा- SIR के जरिए मतदाताओं के पुनरीक्षण का काम हुआ है, जिसमें राजस्थान पहला प्रदेश है जिसमें शत प्रतिशत काम हुआ है। 2 सालों का ठीक से आकलन करें तो सरकार ने जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का काम किया है।

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