केन्द्रीय विद्यालय अनूपपुर में आयोजित हुआ पुस्तकोपहार कार्यक्रम
अनूपपुर। केन्द्रीय विद्यालय संगठन की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना पुस्तकोपहार का केन्द्रीय विद्यालय अनूपपुर में विद्यार्थियों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ आयिओजन किया गया। प्रातः कालीन बेला में प्रार्थना सभा के दौरान प्राचार्य श्री देवेन्द्र कुमार तिवारी की उपस्थिति में विद्यार्थियों द्वारा अपनी पिछली कक्षा की पुस्तकों का सेट बनाकर प्राचार्य महोदय को भेंट किया गया। प्राचार्य महोदय ने उन पुस्तकों को पुस्तकालय अध्यक्ष सचिन पवार को सौंप कर उन्हें छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को भेंट करने का निर्देश दिया। तत्पश्चात प्राचार्य महोदय ने पुस्तकोपहार के महत्व को समझाते हुए अपना उद्बोधन दिया जिसमें उन्होंने कहा कि पुस्तकोपहार कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर विद्यार्थी न सिर्फ अपने छोटे भाई बहनों के सम्मान के उच्च अधिकारी बन रहे हैं बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा हेतु एक उत्तम योगदान भी कर रहे हैं क्योंकि पुस्तकें कागज पर छपती हैं और कागज बनाने के लिए वृक्षों को काटा जाता है जो कि हमारे जीवन आधार हैं। पुस्तकें दान करना पुनः उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देता है। पुस्तकों पर धूल जमने देने या उनका निपटान करने के बजाय, दान इन संसाधनों के जीवन चक्र को बढ़ाता है और जिम्मेदार उपभोग की संस्कृति को प्रोत्साहित करता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुस्तक एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं। प्राचार्य महोदय ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन की इस अति महत्वाकांक्षी योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन के इस नवाचार की सम्पूर्ण शिक्षा जगत में भूरी भूरी प्रशंशा होती है क्योंकि इसके जरिये इस घनघोर उपभोक्तावादी दौर में जब की सभी चीजों को इस्तेमाल करो और फेंकों की नीति में जीवन जिया जा रहा हैं।