रायपुर-विशाखापट्टनम नेशनल हाइवे के तहत केशकाल घाटी में टनल बनाने के काम रफ्तार से जारी है। निर्माणाधीन कंपनी केएमवी के सीनियर मैनेजर जी. कार्तिकेय ने बताया कि टनल के लिए रोज 10 मीटर तक केशकाल पहाड़ काटा जा रहा है। एक साल में दोनों तरफ के चारों एंट्री पॉइंट में कुल मिलाकर 950 मीटर तक पहाड़ काटा जा चुका है। इसमें ब्लॉस्टिंग इंजीनियरिंग मैथड अप्लाई की जा रही है। इसे बनने में 2 साल और लग जाएंगे। गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से 464 रायपुर-विशाखापट्टनम का सफर महज 7 घंटे में पूरा होगा, जिसमें अभी 12 घंटे लग रहे हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 20,000 करोड़ है। टनल बनने से तीन बड़ी सुविधाएं 1. पांच किमी लंबी, केशकाल घाटी नहीं चढ़नी होगी, इस घाटी में हैं 12 खतरनाक मोड। 2. 2.8 किमी की टनल से केशकाल घाटी पार होगी। 3. घाटी में लगने वाले जाम, बरसात में होने वाली दिक्कतों से राहत। एक साल क्लियरेंस मिलने में देरी हुई भगवान कंस्ट्रक्शन को 2022 में निर्माण की अनुमति तो मिली, पर क्लियरेंस 2023 में मिला, फिर काम शुरू हुआ। इस दौरान केएमवी व भगवान कंस्ट्रक्शन के बीच विवाद हुआ और भगवान कंस्ट्रक्शन ने काम बंद कर दिया। 1910 में बनी थी रोड, रोजाना गुजरते हैं 17 हजार वाहन 1910 में केशकाल घाट पर पक्की सड़क का निर्माण करवाया गया था। यह बस्तर की लाइफलाइन है, जो बस्तर और दक्षिण भारत से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली अकेली सड़क है। इस सड़क से रोज 17 हजार वाहन गुजरते हैं।