कोंडागांव जिले के देवखरगांव में सोमवार को एक पुनर्वास केंद्र का शुभारंभ किया गया। यह केंद्र शासन की ‘पुनामार्गेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन’ नीति के तहत स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य भटके हुए व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रीता शोरी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता कोर्राम, नगर पालिका अध्यक्ष नरपति पटेल, उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी, जिला पंचायत सदस्य नंदलाल राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना और पुलिस अधीक्षक पंकज चन्द्रा भी विशेष रूप से मौजूद थे। अतिथियों ने केंद्र का विधिवत उद्घाटन कर पुनर्वासित व्यक्तियों से संवाद किया। जनपद अध्यक्ष अनीता कोर्राम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की पुनर्वास नीति का लक्ष्य सभी लोगों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन से जोड़ना है। उन्होंने पुनर्वासित व्यक्तियों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ने का आग्रह किया। नगर पालिका अध्यक्ष नरपति पटेल ने कहा कि मुख्यधारा में जुड़े ये लोग अब कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें रोजगार शुरू करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उपाध्यक्ष जसकेतु उसेण्डी ने इसे शासन की महत्वपूर्ण पहल बताते हुए कहा कि नीतियों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना उनकी प्रतिबद्धता है। पुलिस अधीक्षक पंकज चन्द्रा ने बताया कि ‘पुनामार्गेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन’ एक ऐसी सरकारी पहल है जिसने कई लोगों को भटकाव के मार्ग से निकालकर विकास की ओर अग्रसर किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में पुनर्वासित व्यक्तियों को निःशुल्क आवास, भोजन और गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। केंद्र में एक लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है। जो व्यक्ति साक्षर नहीं हैं, उन्हें ‘उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ के तहत शिक्षित किया जाएगा, जिससे वे समाज में अपनी पहचान बना सकें।


