कोंडागांव में शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन किया। मंगलवार को सैकड़ों शिक्षक धरने पर बैठे और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। शिक्षकों का कहना है कि उनकी दावा-आपत्ति स्वीकार की गई थी। लेकिन उसका समाधान किए बिना ही रात 11 बजे युक्तियुक्तकरण की सूची जारी कर दी गई। शिक्षकों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है। शिक्षकों की प्रमुख मांगें हैं कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए। तबादलों में पारदर्शिता लाई जाए। शिक्षक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जहां पहले से स्टाफ की कमी है, वहां से शिक्षकों का तबादला न किया जाए। मनमानी और अपारदर्शी प्रक्रिया का आरोप युक्तियुक्तकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत स्कूलों में शिक्षकों की संख्या को तर्कसंगत बनाया जाता है। इसमें शिक्षकों के तबादले होते हैं। शिक्षकों का आरोप है कि यह व्यवस्था मनमानी और अपारदर्शी है। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की शिक्षकों ने यह भी मांग की है कि शासकीय कार्यालयों में उनकी अटैचमेंट खत्म की जाए। उनसे सिर्फ शिक्षण कार्य ही लिया जाए। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने “शिक्षक नहीं सहेंगे अन्याय” और “युक्तियुक्तकरण नहीं चलेगा” जैसे नारे लगाए। जब तक निर्णय नहीं तब तक प्रदर्शन की चेतावनी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अभी तक इस विरोध पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। कुछ अधिकारियों ने शिक्षकों से बातचीत की कोशिश की। लेकिन शिक्षक संगठनों का कहना है कि जब तक ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, प्रदर्शन जारी रहेगा।