कोंडागांव जिले में एक ओर जहां स्कूली छात्राएं और स्काउट-गाइड सदस्य वीर सैनिकों के लिए “एक राखी सैनिक भाई के नाम” अभियान के तहत 1000 हस्तनिर्मित राखियां तैयार कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत बारिश के बीच भी पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। कोंडागांव से देश की सीमाओं पर तैनात वीर सैनिकों के लिए एक अनूठी पहल शुरू की गई है। भारत स्काउट एवं गाइड जिला संघ कोंडागांव ने “एक राखी सैनिक भाई के नाम” अभियान के तहत 1000 हस्तनिर्मित राखियां भेजने की तैयारी की है। इस अभियान के अंतर्गत जिले की स्कूली छात्राएं और स्काउट-गाइड सदस्य अपने हाथों से राखियां बना रहे हैं। ये राखियां रक्षाबंधन के अवसर पर सेना मुख्यालय नई दिल्ली भेजी जाएंगी। यह अभियान पूरे छत्तीसगढ़ में चलाया जा रहा है। भारतीय सैनिकों को भेजी जाएंगी 36,000 राखियां राज्यभर से लगभग 36,000 राखियां भारतीय सैनिकों के लिए भेजी जाएंगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य सैनिकों को यह संदेश देना है कि पूरा देश उनके बलिदान और समर्पण का सम्मान करता है। भारत स्काउट एवं गाइड राज्य मुख्यालय रायपुर के मार्गदर्शन में यह विशेष अभियान चल रहा है। जिला संगठन आयुक्त भीषभ देव साहू के नेतृत्व में जिले की विभिन्न स्कूलों की स्काउट, गाइड, रोवर-रेंजर और बुलबुल टीमें राखी निर्माण में जुटी हुई हैं। अभियान में जिले के कई स्कूलों ने की भागीदारी इस अभियान में जिले के कई स्कूलों ने सक्रिय भागीदारी की है। इनमें शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल दहिकोंगा, मालगांव, भंडारसिवनी, सिंघनपुर, खालेमुरवेंड, माकड़ी, आलोर, बड़ेबेंदरी-मुरारीपारा और बाजारपारा कोंडागांव शामिल हैं। छात्राओं ने उत्साह और देशभक्ति के भाव से न केवल राखियां तैयार की हैं। उन्होंने हर राखी के साथ एक-एक संदेश भी लिखा है। इससे जब सैनिक भाइयों तक ये राखियां पहुंचेंगी, तो उन्हें घर जैसी आत्मीयता और प्रेम का अनुभव होगा। एक पेड़ मां के नाम: बारिश में भी नहीं रुका पौधरोपण कोंडागांव में भारी बारिश के बीच पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल देखने को मिली। ग्राम पंचायत करंजी के शासकीय प्राथमिक शाला डोंगरीपारा में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। बारिश होने के बावजूद छात्र, शिक्षक और ग्रामवासी छतरियां लेकर पौधे लगाने पहुंचे। कार्यक्रम का उद्देश्य धरती को हरा-भरा बनाना और मातृभक्ति के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना था। ग्राम पंचायत करंजी के सरपंच विनोद नेताम और सचिव चंद्रिका नाइक ने विभिन्न छायादार और फलदार पौधों का रोपण कर अभियान का शुभारंभ किया। सरपंच नेताम ने कहा, “पेड़ लगाना उतना महत्वपूर्ण नहीं जितना उनकी सुरक्षा करना। यदि हम एक पौधे को वृक्ष बनने तक सहेज सकें, तो वही सच्ची सेवा होगी।” शिक्षक टी. ऐंकट राव ने छात्रों को बताया, “अगर हम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वायु देना चाहते हैं, तो हमें आज ही पर्यावरण की जिम्मेदारी उठानी होगी। एक पेड़ मां के नाम लगाकर हम न सिर्फ धरती को सजाते हैं, बल्कि अपनी संवेदनाओं को भी हरियाली से जोड़ते हैं।” संकुल समन्वयक रमन ठाकुर ने कहा, “वृक्ष अब केवल प्रकृति की शोभा नहीं बल्कि जीवन की आवश्यकता बन चुके हैं। हमें हर अवसर पर वृक्षारोपण कर अपनी भूमिका निभानी चाहिए।” इस कार्यक्रम में उप सरपंच रामचंद्र मरकाम, शिक्षिका सारिका वैष्णव, धनंजय, मदन कौशिक, गोपाल, जुगोबाई, कामेश्वरी, रामबती सहित अनेक छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस पर्यावरण संरक्षण अभियान को सफल बनाया।