कोटमी पड़ौर के किसानों की जमीन का सीमांकन न होने से परेशान
अनूपपुर। तहसील व्रत पसान क्षेत्र के धुरवासिन कोटमी पड़ौर हल्के के किसानों ने अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था, लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण कई किसानों की समय सीमा समाप्त हो गई है। अब तक उनकी जमीन का नाप-जोख नहीं हुआ है, जिससे किसानों को कानूनी और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भूमि सीमांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जमीन की सीमाओं को स्पष्ट किया जाता है ताकि विवादों से बचा जा सके। यह सेवा राजस्व विभाग द्वारा संचालित की जाती है और आवेदन मिलने के दिए गए समय सीमा के भीतर पूरी करने का नियम है । लेकिन कोटमी धुरवासिन पड़ौर के किसानों का मामला लंबित है, जिससे किसानों को उन्हें अपने ही पट्टे जमीन के मालिकाना हक और खेती-बाड़ी में दिक्कतें आ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने तहसील कार्यालय में कई बार शिकायत की लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। कई किसान ने बताया, हमने फीस जमा करके आवेदन दिया था, लेकिन अब तक कोई अधिकारी हमारी जमीन नापने नहीं आया। इससे हमारी फसल और जमीन की बिक्री में दिक्कत हो रही है।
क्या कहता है नियम?
भूमि सीमांकन के नियमों के अनुसार, आवेदन मिलने के 30 कार्य दिवसों के भीतर प्रक्रिया पूरी करनी होती है, लेकिन फसल के मौसम या वर्षाकाल में इसमें छूट दी जा सकती है । हालांकि, किसानों का आरोप है कि उनके मामले में कोई वैध कारण नहीं है, फिर भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। अनूपपुर के किसानों की यह समस्या सरकारी व्यवस्था राजस्व विभाग की ढिलाई को उजागर करती है। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो किसानों को और भी नुकसान हो सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करे और किसानों को न्याय दिलाए।