देईखेड़ा क्षेत्र में कोटा-दौसा-लालसोट स्टेट हाईवे पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा हादसों का प्रमुख कारण बन गया है। विशेषकर रात के समय सड़क पर मौजूद ये मवेशी वाहन ड्राइवरों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं, जिससे गंभीर चोटें आ रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को नुकसान से बचाने के लिए किसान अक्सर आवारा मवेशियों को सड़कों पर छोड़ देते हैं। दर्जनों की संख्या में ये मवेशी सड़क पर घूमते रहते हैं। बाइक सवार अक्सर इनसे टकराकर चोटिल हो जाते हैं। रात के समय तेज गति से चलने वाले चौपहिया वाहन चालक भी अचानक मवेशियों को देखकर या तो संतुलन खोकर पलट जाते हैं या उनसे टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। पहले प्रशासन द्वारा सड़क पर रहने वाले मवेशियों पर रेडियम की पट्टियां लगाई जाती थीं। इसका उद्देश्य रात के अंधेरे में दूर से ही वाहन चालकों को मवेशियों की मौजूदगी के बारे में सूचित करना था। यह कार्य विभागीय संवेदकों (ठेकेदारों) और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से किया जाता था, लेकिन अब क्षेत्र में ऐसी कोई पहल नहीं हो रही है, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ गया है। देईखेड़ा व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिनेश व्यास ने इस संबंध में कहा कि विभाग, पुलिस और प्रशासन को स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा समाजसेवियों के साथ मिलकर सड़क पर जमा मवेशियों पर रेडियम पट्टी लगाने का अभियान चलाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे हादसों को रोकने में मदद मिलेगी।


