कोरबा में कुआं धंसने से परिवार के 3 लोग दबे:बलरामपुर के सकेतवा-बांध में दरारें, दुर्ग-राजनांदगांव समेत 17 जिलों में अलर्ट; बिजली गिरने की आशंका

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मंगलवार को भारी बारिश के कारण एक कुआं धंस गया। इस हादसे में एक ही परिवार के 3 सदस्य मलबे में दब गए हैं। घटनास्थल पर SDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। मामला जटगा चौकी क्षेत्र के बनवार गांव का है। जानकारी के मुताबिक, छोटू राम श्रीवास (65), पत्नी कंचन श्रीवास (53) और बेटा गोविंद श्रीवास (30) कुएं में लगे मोटर पंप को निकालने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पूरा कुआं धंस गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। SDRF की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है। 17 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 2 से 3 दिनों तक अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। इसके बाद मानसून कमजोर पड़ सकता है। आज (मंगलवार) रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर सहित राज्य के 17 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इन सबके बीच पिछले दिनों बलरामपुर में लगातार बारिश के बाद सकेतवा बांध में दरारें पड़ गई हैं। कई जगहों पर मिट्टी धंस गई है। भारी बारिश होने पर बांध टूटने का खतरा बना हुआ है। इससे जमुआटांड, खड़ियामार, बुद्धडीह, डूमरखोरका इन चारों गांव के 2000 लोग प्रभावित हो सकते हैं। जुलाई में 433 मिलीमीटर बरसा पानी इस महीने की बात करें तो अब तक 433.4 MM बारिश हो चुकी है। आखिरी 6 दिनों यानी 23 जुलाई से 28 जुलाई तक 133MM बारिश हुई है। पिछले दस सालों में सिर्फ दो बार ही जुलाई माह में बारिश का आंकड़ा 400MM पार हुआ है। 2023 में जुलाई माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा 566.8MM पानी बरसा था। इससे पहले 2016 में 463.3MM पानी गिरा था। इस लिहाज से 10 साल में दूसरी बार ही प्रदेश में इतनी बारिश रिकॉर्ड की गई है। रायपुर की बात करें तो प्रदेश में इस महीने अब तक 428.MM पानी बरस चुका है। 25 घरों को खाली करवाया गया ऐहतियातन बुद्धडीह गांव के 25 से अधिक घरों को खाली कराया गया। ये गांव बांध के सबसे करीब है। SDM आनंद नेताम ने कहा पुलिस और SDRF की टीम ने रविवार रातभर बांध के पानी को निकालने आउटलेट तैयार किया है, लेकिन खतरा टला नहीं है। अभी भी कार्य जारी है, स्थिति पर प्रशासन की टीम नजर बनाए हुए हैं। प्रदेश में 599 मिलीमीटर पानी बरसा छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 603 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। अब तक बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 935.4 मिमी पानी बरसा है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 300 मिमी पानी गिरा है। लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है। जानिए इसलिए गिरती है बिजली दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ

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