क्या अनूपपुर भाजपा की नई टीम होगी आपराधिक छवि से मुक्त?ऊर्जावान चेहरों को संगठन चलाने का मिलेगा मौका(संतोष कुमार झा)

क्या अनूपपुर भाजपा की नई टीम होगी आपराधिक छवि से मुक्त?
ऊर्जावान चेहरों को संगठन चलाने का मिलेगा मौका
(संतोष कुमार झा)

अनूपपुर। भाजपा मंडल अध्यक्ष का अधिकारिक फैसला आज आ जाने की संभावना है। इसे भाजपा द्वारा रायषुमारी के बाद सर्वसम्मति से लिया गया फैसला माना जाना चाहिए इस बार भाजपा के पदाधिकारियों के चयन के लिए कई मानदण्ड तय किए थे इनमें से आपराधिक छवि का न होना 45 वर्ष की उम्र सीमा थी। देखना यह होगा इनमें से कितने मंडल अध्यक्ष साफ-सुथरी छवि के है। विगत दिनो वेंकटनगर के भाजपा मंडल महा मंत्री द्वारा इस्तीफा देने के बाद जिला भाजपा चुनाव में यह चर्चा जोरो पर है कि इस बार भाजपा संगठन आपराधिक छवि से मुक्त होगी। वेंकटनगर के भाजपा मंडल महामंत्री ने फेसबुक में एक पोस्ट करते हुए यह बताया कि उन्हे आपराधिक छवि का बताते हुए उन्हें सक्रिय सदस्यता से वंचित रखा गया। जिससे क्षुब्ध होकर के उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के बाद मंडल महामंत्री ने दूसरी फेसबुक पोस्ट कर वर्तमान मंडल अध्यक्ष के आपराधिक छवि होने का यह दावा किया इसके पक्ष में उन्होने सूचना अधिकार के तहत जैतहरी थाने से प्राप्त दस्तावेज भी प्रस्तुत किए जिसमें वर्तमान मंडल अध्यक्ष पर दो मामले मारपीट, गाली-गलौज, सम्पत्ति नुकसान, खनिज चोरी आदि धाराओं में मामले दर्ज है। पार्टी से जारी गाइड लाइन के अनुसार यह तय किया है कि इस बार बूथ स्तर से लेकर जिले स्तर तक के चुनाव में आपराधिक छवि वाले कार्यकर्ताओ को दूर रखा जाएगा। उन्हें किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नही दी जाएगी। तो क्या यह माना जाए कि अनूपपुर जिले के सोलह मंडलों में और जिला अध्यक्ष वह व्यक्ति होगा जिसकी छवि साफ-सुथरी होगी कोई आपराधिक मामले दर्ज नही होंगें।
सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य
बीजेपी ने संगठन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जिला एवं मंडल अध्यक्ष की आयोजित बैठक में आयु सीमा का निर्धारण किया है। बीजेपी ने जिले में चुनावों को लेकर अहम बैठक की है। इसमे संगठन चुनाव पर भी चर्चा हुई। बीजेपी ने संगठन चुनावों के लिए क्राइटेरिया तय किया है। किस नेता को जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा और किसे मंडल अध्यक्ष इस लेकर उम्र का क्राइटेरिया तय किया गया है। बैठक में अनूपपुर के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर राय शुमारी की गई है। प्रदेश भाजपा ने संगठन चुनाव को लेकर पदाधिकारियों की उम्र तय की है। जानकारी के अनुसार, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष बनने के लिए आयु सीमा तय की गई है। मंडल अध्यक्ष के लिए 35 से 45 साल का होना जरूरी है। वहीं, जिला अध्यक्ष के लिए 45 से 60 साल का होना जरूरी। अभी प्रदेश अध्यक्ष के लिए क्राइटेरिया तय नहीं किया गया है। मंडल अध्यक्ष के लिए एक बार का सक्रिय सदस्य और जिला अध्यक्ष के लिए दो बार का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है।
सहमति के आधार पर संगठनात्मक चुनाव
भाजपा के अधिकारी ने कहा कि भाजपा परिवारवादी पार्टी नहीं है बल्कि परिवार भाव से चलने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया में सहमति के आधार पर काम करना है। बूथ की मजबूत संरचना से प्रत्येक चुनाव जीतना संभव है। संगठनात्मक चुनाव में बूथ गठन की प्रक्रिया में सक्रिय और समर्पित लोगों को जोड़ना है। जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व समाहित हो। सूत्रो के अनुसार जिला भाजपा अधिक से अधिक सदस्यों को पार्टी से जोड़ने का काम भाजपा जैसे कार्यकर्ता आधारित संगठन ही कर सकते हैं। संविधान में आरक्षण की व्यवस्था के अनुरूप ही लम्बे समय से संगठन का गठन हो रहा हैं। बताया जाता है कि लोकतंत्र में अंतिम लड़ाई का केन्द्र बूथ है। सामूहिकता के आधार पर निर्णय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए हमें संगठन चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।
संगठन के मूलभाव पर जोर
सूत्रो ने बताया कि मंडल व जिला की चुनाव प्रक्रिया सहमति के आधार पर तय करते हुए संगठन के मूलभाव सर्वस्पर्शी गठन की ओर आगे बढ़ना है। जिले में बीजेपी बूथ समितियों के चुनाव हो चुका हैं। अगले दिनो में मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के चुनाव होंगे। पहले पखवाडे में एक से 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव होंगे। 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। 60 से अधिक उम्र वालों की जगह कम उम्र वालों को मौका देने के पीछे पार्टी की सोच है कि ऊर्जावान चेहरों को संगठन चलाने का मौका मिले। इससे हर स्तर पर नई लीडरशिप को आगे आने का मौका मिलेगा। भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक शीर्ष नेता ने बताया कि इस दौर में राजनीति जिस तरह से तेज हुई है, वह ऊर्जावान चेहरे मांगती है। अब राजनीति पार्टटाइम नहीं बल्कि फुलटाइम होने लगी है। निचले स्तर पर कम उम्र में जिम्मेदारियां दिए जाने पर नए नेताओं को उभरने का मौका मिलता है। अगर कोई 40 साल में मंडल अध्यक्ष बनता है तो फिर उसके पास जिले से लेकर प्रदेश की राजनीति में जाने तक की काफी उम्र रहती है।

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