खैरागढ़ का बस स्टैंड असामाजिक तत्वों और अवैध पार्किंग का अड्डा बन गया है। बस स्टैंड की दुर्दशा यात्रियों के लिए रोजाना सिरदर्द बन रही है। जर्जर भवन, टूटी खिड़कियां, जगह-जगह बिखरी शराब की खाली बोतलें और अव्यवस्थित पार्किंग ने इसे अस्त-व्यस्त बना दिया है। मजबूरन यात्री धूप और बारिश में दुकानों के बाहर खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं, लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाता। खैरागढ़ का बस स्टैंड कवर्धा, गंडई, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर जैसे प्रमुख स्थानों से आने-जाने वाले यात्रियों का मुख्य और एकमात्र ठहराव है। यहां से हर दिन सैकड़ों यात्रियों का आवागमन होता है, लेकिन सुविधाओं का बुरा हाल है। बैठने के लिए न कुर्सियां है, न शौचालय और न ही पेयजल की व्यवस्था। निजी वाहन मालिक अपने व्यावसायिक वाहनों को बस स्टैंड पर मनमाने ढंग से खड़ा कर देते हैं। इससे यात्रियों के लिए चलने की जगह तक नहीं बचती। कई बार बसों के लिए भी खड़ा होने की जगह नहीं होती, जिससे यात्री इधर-उधर भागते नजर आते हैं। बस स्टैंड की जर्जर दीवारों के पीछे असामाजिक गतिविधियां आम हो चुकी हैं। शराब की खाली बोतलें और गंदगी इसका सबूत हैं। इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं को असुरक्षित महसूस होता है। खैरागढ़ जिले के इस एकमात्र बस स्टैंड की बदहाली यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है। पूरे मामले पर जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और राजनीतिज्ञ आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं।