छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में ईको-पर्यटन विकास के नाम पर वन विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा के नेतृत्व में ‘मिशन संडे’ टीम ने छींदारी गांव स्थित रानी रश्मि देवी सिंह जलाशय का निरीक्षण किया। वन विभाग को जलाशय को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 41 लाख रुपए मिले थे। निरीक्षण में पता चला कि अधिकांश निर्माण कार्य अधूरे हैं। किचन शेड, मचान और बैठने की व्यवस्था में बांस और सस्ती लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। वन विभाग ने इन अधूरे कार्यों का पूरा भुगतान कर दिया है। सरकारी पैसों के दुरुपयोग का आरोप स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। उनका आरोप है कि विभाग ने बिना काम किए कागजों में प्रोजेक्ट को पूरा दिखा दिया। विधायक यशोदा वर्मा ने कहा कि जिले के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने इस मामले को विधानसभा में उठाने और वन मंत्री से सोशल ऑडिट की मांग करने की बात कही। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग मिशन संडे के संयोजक मनराखन देवांगन ने आरोप लगाया कि फर्जी कोटेशन के जरिए एक नए एनजीओ को लाखों रुपए का लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विधायक ने कहा कि अगर ईमानदारी से आकलन किया जाए, तो इस काम में 10 से 12 लाख रुपए से अधिक की लागत नहीं आनी चाहिए थी, लेकिन विभाग ने 14 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च पहले ही दिखा दिया है।