छत्तीसगढ़ के धमतरी में गंगरेल डूबान प्रभावितों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। प्रभावित लोग 5 किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कलेक्ट्रेट में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका। इसके बाद प्रभावित लोगों ने कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 3 घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कल मुख्यमंत्री निवास जाने की घोषणा की है। गंगरेल बांध प्रभावित जल कल्याण समिति के बैनर तले डूबान प्रभावित लोग अपने पुनर्वास की मांग को लेकर रैली और धरने का आयोजन कर रहे थे। यह रैली धमतरी के मुख्य मार्ग से होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंची, जहां प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर नारेबाजी की और अपनी मांगें रखीं। कलेक्ट्रेट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, जो प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद, प्रभावितों ने कलेक्टर से मुलाकात की और अपनी समस्याओं को साझा किया। प्रशासन ने नहीं किया हाई कोर्ट के आदेश का पालन डुबान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हरि शंकर मरकाम ने कहा कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लगभग चार साल पहले हाई कोर्ट ने डुबान प्रभावितों के लिए आवास की व्यवस्था करने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि डुबान प्रभावितों को तीन माह के भीतर बसाया जाए, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मरकाम ने कहा कि जोगीडीह में 170 प्रभावितों को बसाने का काम हुआ, लेकिन बाकी प्रभावितों को अभी तक बसाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। डुबान प्रभावितों के पुनर्वास के लिए हस्तांतरित के बाद भी कार्रवाई नहीं उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन का कहना है कि जोगीडीह क्षेत्र असर्वेक्षित है और इसे सर्वे करना पड़ेगा, लेकिन इस सर्वेक्षण में भी एक साल का समय लग गया। जब सर्वेक्षण पूरा हुआ, तो प्रशासन ने इसे रोक दिया। राजस्व विभाग ने भी यह कहा है कि यह जमीन उनकी नहीं है, जिससे कार्रवाई में रुकावट आ रही है। हालांकि, वन मंडल से पत्राचार के बाद यह साफ हुआ कि जोगीडीह की जमीन डुबान प्रभावितों के पुनर्वास के लिए हस्तांतरित की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। मरकाम ने कहा कि यदि जल्दी ही इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो प्रभावित लोग अनिश्चितकालीन धरना देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि शुक्रवार को वे मुख्यमंत्री निवास जाएंगे और वहां अपनी शिकायत करेंगे, साथ ही भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे।