गंभीर बीमारी का भी इलाज करता है चाँदसी क्लिनिक, मरीज की हालत हुई गंभीर
कोतमा। अवैध क्लिनिक जगह-जगह संचालित है जिसमें गैर जिम्मेदार लोग इलाज करते हैं जिस कारण मरीज समय के पहले ही मौत को गले लगा लेते हैं। मामला पकरिहा गांव का बताया जा रहा है पकरिहा गांव निवासी भूषण गुप्ता उम्र 50 वर्ष अपना इलाज विश्वास क्लिनिक कोतमा मनेन्द्रगढ़ सड़क किनारे पर स्थित चाँदसी क्लीनिक पर 17 मार्च से गंभीर बीमारी का इलाज करा रहा था, दो से तीन दिन तक दवाई और इंजेक्शन लगाकर अस्थाई रूप से ठीक करने का प्रयास किया गया। बीमारी में सुधार न होने पर भूषण गुप्ता का पुत्र एवं परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा में इलाज के लिए 24 मार्च 2025 को सुबह 11 बजे भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टर ने मरीज को एडमिट कर ईलाज प्रारम्भ किया, लेकिन हालत गंभीर होने पर 24 मार्च को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। एंबुलेंस में ले जाते समय बदरा तिराहा पर भूषण गुप्ता की मौत हो गई, जिसे वापस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा लाया गया जहां उसे डॉक्टर ने मृत्यु घोषित कर दिया, मृतक के पुत्र ने बताया कि मेरे पिता का इलाज 17 मार्च से चाँदसी क्लिनिक के संचालक द्वारा किया जा रहा था पिता की हालत गंभीर होने पर अन्य जगह ले जाने पर हम सामुदायिक स्वास्थ्य लाना उचित समझें, तब हम जाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपने पिता का इलाज के लिए भर्ती किये, यहां पिता की हालत गंभीर होने पर अनूपपुर के लिए डॉक्टर ने रेफर कर दिया, किंतु रास्ते में उनकी मौत हो गई पुत्र का रो-रोकर बुरा हाल है।
ज्ञात रहे की अवैध क्लिनिक संचालकों के कारण 2025 में भी कई मौत हुई है वन विभाग में तैनात मनोज उपाध्याय का भी अवैध क्लिनिक संचालक के इलाज के कारण ही मौत हुई थी जिसके खिलाफ थाना कोतमा में मामला पंजीबद्ध है सरकार की नाकामी के कारण ही जगह-जगह अवैध क्लिनिक खुले हुए हैं और मरीज को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं चंद पैसे के कारण सरकार में बैठे अधिकारी कार्यवाही करने से कतराते हैं, अगर अवैध क्लिनिकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो वह दिन दूर नहीं की स्वस्थ लोग को भी गलत इलाज कर मौत के मुंह में चले जाएंगे। स्थानीय जनों ने अवैध क्लिनिकों ठोस कार्यवाही की मांग की है।
अनशन स्थल पर तीसरे दिन भी लोगों का रहा जमावड़ा
कोतमा नगर की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार और आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों के खाली पड़े पद को लेकर पिछले 3 दिनों से नगरवासी देवशरण सिंह, दीपक पटेल आमरण अनशन पर बैठे हैं। बुधवार को अचानक अनशनकारी देवशरण के स्वास्थ्य बिगाड़ने के कारण तत्काल जांच की गई। तीसरे दिन भी लगातार नगर वासियों का अनशन स्थल पहुंचने का सिलसिला बरकरार रहा। सभी का कहना है कि डॉक्टरों की भर्ती होना अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन के द्वारा अलग-अलग दो चरणों में बात की गई लेकिन दोनों बार भी समाधान नहीं हो सका। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन अनशनकारियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जा रही है। पड़ रही तेज गर्मी एवं लाइट न होने के कारण अनशनकारियो के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। नगर के बद्री ताम्रकार, राजेश सोनी, हामिद अली, सचिन जैन, संतोष, प्रशांत, श्याम सुंदर, सहित विभिन्न संगठनों के द्वारा भी अनशन को समर्थन दिया गया है। जिम्मेदारो ने बनाई दूरीरू अनशन के दिन 2 बार प्रशासन द्वारा समझाइस देकर अनशन को समाप्त कराने का प्रयास किया गया था। जिसके बाद फिर कोई जिम्मेदार अनशनकारियों से बातचीत करने नहीं पहुंचा। अस्पताल में अव्यस्था एवं चल रहे अनशन के बारे में बात करने पर सीएमएचओ आर के वर्मा ने बताया कि डॉक्टर की भर्ती को लेकर लगातार प्रदेश स्तर पर पत्राचार किया गया है। सुबह 9 बजे से ओपीडी चालू है। सभी प्रकार की जांच की जा रही है। सफाई भी प्रतिदिन होती है। अनशनकारी देवशरण सिंह एवं दीपक पटेल ने बताया कि विशेषज्ञ सहित एमबीबीएस डॉक्टर की मांग पूरी होने न होने तक अनशन जारी रहेगा।
इनका कहना है
24 मार्च 2025 को भूषण गुप्ता निवासी पकरिया को इलाज के लिए लाया गया था, प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की हालत गंभीर होने के कारण जिला अस्पताल अनूपपुर के लिए रेफर किया गया था, किंतु बदरा तिराहे के पास उसकी मौत हो गई।
डॉ. आनंद विश्वकर्मा,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोतमा
डॉक्टर की भर्ती को लेकर समय-समय पर पत्राचार किया जाता है आने वाले दिनों में डॉक्टरों की भर्ती हो जाएगी।
आर के वर्मा
सीएमएचओ जिला अनूपपुर