‘गमक’ गजल गायक चंदन दास ने बांधा समां:इस तरह मोहब्ब्त की शुरुआत कीजिए, इक बार अकेले में मुलाकात कीजिए… पर झूम उठे श्रोता

ग्वालियर में तानसेन समारोह के पूर्व रंग कार्यक्रम “गमक’ में मशहूर गजल गायक ने अपनी गायकी के जादू से समा बांध दिया। जब उन्होंने गजल “इस तरह मोहब्ब्त की शरुआत कीजिए, इक बार अकेले में मुलाकात कीजिए…” गाई तो यह उनके गायकी का हुनर ही था कि इस सर्द रात में श्रोता उनको सुनने के लिए बैठे नजर आए। इस सर्द मौसम में ख्यातिनाम गज़ल गायक चंदन दास ने अपनी मखमली आवाज़ में कलाम पेशकर गान मनीषी तानसेन की देहरी पर मोहब्बत के रंग भर दिए। उनकी जादुई जुबान में पगे रसों में डूबकर झर रही गज़लों से ऐसा वातावरण बना कि सर्दी एहसात जाता रहा। शनिवार को ग्वालियर में “तानसेन संगीत समारोह” की पूर्व संध्या पर हजीरा चौराहे के समीप इंटक मैदान पर मंगलाचरण स्वरूप सजी पूर्वरंग “गमक” सभा में मशहूर गज़ल गायक चंदन दास ने एक से बढ़कर एक गज़लें पेश कर समा बांध दिया। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया एवं संभाग आयुक्त मनोज खत्री सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक व सुधीय रसिक इस सुरमयी शाम के साक्षी बने।
मोहब्बत की गजल से की गायकी की शुरुआत
चंदन दास ने अपने गायन का आगाज़ “इस तरह मोहब्ब्त की शरुआत कीजिए, इक बार अकेले में मुलाकात कीजिए…” ग़ज़ल सुनाकर किया। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने जब बशीर बद्र का प्रसिद्ध कलाम “कभी तो आसमा से चाँद उतरे जाम हो जाए, तुम्हारे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाए” पेश किया तो रसिकों में प्रीत-मनुहार हिलोरें लेने लगीं। इसी क्रम में चंदन दास द्वारा प्रस्तुत ग़ज़ल ” इधर जिंदगी का जनाजा उठेगा, उधर जिंदगी उनकी दुल्हन बनेगी” सुनकर श्रोता विरह रस में डूब गए।
पिया नहीं जब गाँव में, आग लगे सब गाँव में गाया तो झूम उठे श्रोता
इसके बाद चंदन दास ने “पिया नहीं जब गाँव में, आग लगे सब गाँव में” गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर अपनी चर्चित गज़ल “न जी भर के देखा न कुछ बात की, बड़ी आरजू थी मुलाकात की” पेश कर वातावरण में उत्कृष्ट गज़ल गायकी की खुशबू बिखेर दी। इसी सिलसिले में उन्होंने प्रसिद्ध गज़ल “खुशबू की तरह आया वो तेज हवाओं में” गाकर सुनाई तो सम्पूर्ण पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज गया।
चंदन दास की गजल गायकी में डूबे श्रोता
सर्द मौसम में चंदन दास ने गज़ल की ऐसी महफिल सजाई कि लोग झूमने को मजबूर हो गए। गज़ल की यह महफिल काफी लम्बी चली और चंदन दास ने अपनी रूहानी आवाज का ऐसा जादू बिखेरा कि लोग उसे शायद ही भुला पायेंगे। उनके गज़ल गायन में तबले पर अरशद खाँ, वायोलिन पर अलीम खाँ, कीबोर्ड पर सुधीर सिन्हा व गिटार पर रतन प्रसन्ना ने नफासत भरी संगत की। कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी अशोक आनंद ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने दीप प्रज्ज्वलन कर पूर्वरंग “गमक” की सभा का शुभारंभ किया। साथ ही चंदन दास सहित सभी संगत कलाकारों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्कृति संचालक एनपी नामदेव, अपर आयुक्त नगर निगम मुनीष सिकरवार, एसडीएम अतुल सिंह, संयुक्त कलेक्टर संजीव जैन एवं डॉ. केशव पाण्डेय सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में संगीत रसिक मौजूद थे।

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