‘गहलोत राज के जिलों पर फैसला ले चुके, घोषणा बाकी’:उद्योगमंत्री राज्यवर्धन बोले- अफसरों ने कई फैसले खुद लिए, इससे समिट में अव्यवस्थाएं हुईं

गहलोत सरकार के समय में बने जिलों पर फैसला कर लिया गया है। पहले विधानसभा उपचुनाव आ गए, फिर राइजिंग राजस्थान समिट थी। उसे लेकर सारा काम हो चुका है। केवल घोषणा बाकी है। ये कहना है कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का। भास्कर ने राठौड़ से इंवेस्टमेंट समिट में हुए रिकॉर्ड एमओयू, अव्यवस्थाओं, सरकार के एक साल, पेपर लीक सहित कई मुद्दों को लेकर बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : इंवेस्टमेंट समिट में इससे पहले इतना बड़ा इंवेस्टमेंट फिगर कभी नहीं आया। इस निवेश को धरातल पर कैसे उतारेंगे? राज्यवर्धन : पिछली राज्य सरकार तो केंद्र सरकार की योजनाओं में भी अड़चन बन रही थी। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह लोगों के मन में विश्वास पैदा किया है, पूरी दुनिया भारत में निवेश करना चाहती है। डबल इंजन की सरकार और एक दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण पहले साल में इंवेस्टमेंट समिट आयोजित करने से इतनी बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव हमें मिले हैं। यह तो फेज वन है। इसमें हमने राजस्थान को पुश किया है। प्रदेश की क्षमताओं को दुनिया को बताया है। दूसरा हमने इस इंवेस्टमेंट समिट के जरिए पॉलिसीज बनाई। अब तीसरा फेज है, इन सभी पर एग्जिक्यूशन करने का। उसके लिए हमारे पास सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम है। हम हर सेक्टर के लिए पॉलिसी बना रहे हैं। हमने 21 नई पॉलिसी बनाई हैं। 9 पॉलिसी लॉन्च हो गई हैं। सवाल : जिन निवेशकों ने एमओयू किए हैं, क्या गारंटी है कि वे राजस्थान में ही निवेश करेंगे और एनर्जी सेक्टर को लेकर क्या संभावना है? राज्यवर्धन : सूरज की गर्मी जो जैसलमेर में है, वो बीकानेर से अलग है। हरियाणा तो बहुत दूर की बात हैं। हरियाणा पहुंचते-पहुंचते तो बहुत कुछ बदल जाता है। जो सोलर एनर्जी है जो चंद प्रदेशों के अंदर ही संभव है। गुजरात और राजस्थान में सबसे ज्यादा है। अब आपने सवाल किया है निवेशकों को लेकर तो मैं आपको गिनाता हूं। दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर हरियाणा में से निकलता है या राजस्थान में से? फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ 150 किलोमीटर की पट्टी है, वह सबसे ज्यादा खाली कहां पर है? राजस्थान में है तो सबसे ज्यादा लॉजिस्टिक काम कहां हो सकता है…राजस्थान में हो सकता है। सबसे ज्यादा टूरिज्म की संभावना कहां पर हैं? राजस्थान में हैं। जब भी कोई निवेशक प्रदेश में निवेश करना चाहता है तो वह सिंगल पॉइंट ऑफ कॉन्टेक्ट ढूंढता है। इसके लिए एक-एक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। हम उद्योगों को लॉटरी सिस्टम से जमीन देंगे। इससे जमीन की कीमत फिक्स रहेगी। सवाल : समिट की तैयारी आपने खूब की, लेकिन कई अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। विपक्ष ने भी मुद्दा बनाया? राज्यवर्धन : देखिए, मैं इस बात से सहमत हूं, हमने जो समिट किया उसे हम और बेहतर कर सकते थे। यहां प्रश्न यह था कि क्या पहले वर्ष में हमें समिट करनी चाहिए। कई अधिकारी ऐसे थे जो दबाव बना रहे थे कि अगले साल करेंगे। अगर हम अगले साल करते तो हमारे दो साल खराब हो जाते। सरकार ने मिलकर निर्णय किया कि हम इसको पहले ही साल में करेंगे। पहले साल में करने में चुनौतियां थी। 2024 का लोकसभा चुनाव था, फिर विधानसभा उपचुनाव थे। सरकार बिल्कुल नई-नई बनी थी। गुजरात पिछले कई सालों से वाइब्रेंट गुजरात कर रहा है। वह कम से कम 9 महीने तैयारी करने के लिए लेता हैं। हमारे पास तो केवल 4 महीने ही थे। सवाल : सरकार को एक साल होने जा रहा है, आपकी नजर में सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है? राज्यवर्धन : राजस्थान में निगेटिविटी का माहौल बना हुआ था। कांग्रेस सरकार पांच सितारा होटलों में बार-बार कैद हो जाती थी। हमने आते ही इस पर काम करना शुरू किया। हमारे समय में कोई भी पेपरलीक नहीं हुआ। नौकरियों की घोषणाएं हो रही हैं। पहले ही साल में हम करीब 70 हज़ार से ज्यादा नौकरियां दे चुके हैं। पानी की समस्या के लिए समाधान के लिए हमारी सरकार ने एमओयू किया। पीएम मोदी अब उसका शिलान्यास भी करने वाले हैं। सवाल : किरोड़ीलाल मीणा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। सेना के जवान की पिटाई पर थाने जाना पड़ा, इसे कैसे देखते हैं? राज्यवर्धन : देखिए निश्चित तौर पर कुछ ऐसी आदतें हैं, जिसको दुरुस्त करने में समय लगेगा, लेकिन हमारी नीयत बिल्कुल साफ है। पुलिस कानून व्यवस्था मजबूती से करे। इसके लिए पुलिस की जो जरूरत है, उसकी व्यवस्था करवाई जा रही है। साइबर विंग औऱ इंटेलिजेंस विंग को मजबूत किया जा रहा है। पहले ही साल में हमने कुछ बड़े निर्णय लेते हुए एंटी गैंगस्टर टास्कफोर्स का गठन किया। एक-दो नामी गैंगस्टर को तो हम इटली से पकड़ कर लाए हैं। पुलिस पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है। सवाल : गहलोत सरकार के आखिरी 6 महीनों के कामकाज का रिव्यू पूरा नहीं हुआ। नए जिलों, एसआई भर्ती सहित कई मुद्दों पर फैसला अटका है? राज्यवर्धन : पिछली सरकार के जो 6 महीने के काम थे। उन पर पूरी चर्चा हुई है। कई चीजें हमें सही लगीं, उसे क्लीयर कर दिया है। जहां हमें लगा कुछ कमियां हैं, उसे रोका हुआ है। गहलोत सरकार के समय में बने जिलों पर फैसला कर लिया गया है। पहले विधानसभा उपचुनाव आ गए, फिर राइजिंग राजस्थान समिट थी। उसे लेकर सारा काम हो चुका है। केवल घोषणा बाकी है। एसआई भर्ती में कई दांवपेच थे। उस पर चर्चा चल रही है। सभी से सुझाव लिए जा रहे हैं। उस पर सोच समझकर निर्णय होगा। हमारी नीयत बिल्कुल साफ है। पूरे कानूनी ढंग से घेरेंगे, पूरे सबूत एकत्रित करके कार्रवाई होगी। ….. राइजिंग राजस्थान समिट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… 1. जयपुर में PM बोले- राजस्थानियों का दिल बहुत बड़ा है:राजस्थान राइजिंग तो है ही रिलायबल भी है, चुनौतियों से टकराने का नाम राजस्थान है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- राजस्थान राइजिंग तो है ही रिलायबल भी है। राजस्थान रिसेप्टिव भी है। समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। चुनौतियों से टकराने का नाम राजस्थान है। नए अवसर बनाने का नाम है राजस्थान। राजस्थान के इस आर फैक्टर में एक और नाम जुड़ गया है। पूरी खबर पढ़िए… 2. राजस्थान में उद्योग लगाने के लिए सस्ती जमीन मिलेगी:सीएम बोले- दो साल बाद फिर होगी राइजिंग राजस्थान समिट, MOU का देंगे हिसाब राइजिंग राजस्थान समिट के तीसरे दिन सरकार ने लघु उद्योगों के लिए एक एकड़ जमीन के लैंड कन्वर्जन में छूट का ऐलान किया। बुधवार को समिट की शुरुआत सूक्ष्म लघु और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) कॉन्क्लेव के साथ हुई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस समिट में हुए 35 लाख करोड़ के एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए हम पूरी शक्ति लगाएंगे। पूरी खबर पढ़िए…

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