भास्कर न्यूज | लुधियाना एशिया की सबसे बड़ी टेक्सटाइल मार्केट माने जाने वाली गांधी नगर मार्केट में बेतरतीब ट्रैफिक, अवैध दुकानों और सड़कों पर कब्जे की समस्या विकराल हो गई है। यहां रोजाना लगने वाले भारी जाम से कारोबारियों और ग्राहकों को घंटों फंसे रहना पड़ता है। मार्केट में लगभग 1500 दुकानें हैं, जहां देशभर से व्यापारी कपड़ा खरीदने आते हैं, लेकिन अव्यवस्थित ट्रैफिक और अतिक्रमण के कारण व्यापारियों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। इससे यहां पर 3000 से ज्यादा लोग परेशान होते हैं। स्थिति यह है कि दुकानदारों ने सड़कों और फुटपाथ तक पर कब्जा जमा लिया है, जिससे पैदल चलना तक दूभर हो गया है। ग्राहकों और व्यापारियों ने नगर निगम और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है। गांधी नगर मार्केट में जाम और अव्यवस्था की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां के दुकानदारों ने अपने सामान को सड़कों तक फैला दिया है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित होती है। पैदल चलने वाले ग्राहकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राजस्थान से कपड़ा खरीदने आए कारोबारी सुरिंदर कुमार ने कहा कि मैं यहां व्यापार करने आया था, लेकिन सड़कों पर इतना सामान फैला है कि गाड़ी तो दूर, पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। ऐसा लगता है कि प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण ही नहीं है। हरियाणा से आए ग्राहक संजय शर्मा ने बताया कि पहले यहां इतनी समस्या नहीं थी, लेकिन अब तो हालात बद से बदतर हो चुके हैं। जाम में घंटों फंसना पड़ता है, और संकरी गलियों में दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। मैंने दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब के किसी भी शहर में ऐसा हाल नहीं देखा। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। गांधी नगर मार्केट में बढ़ती अवैध दुकानों से समस्या और गंभीर हो गई है। दुकानदारों ने अपने शोरूम और गोडाउन से बाहर तक सामान रख दिया है, जिससे गाड़ियां और रिक्शा भी सही से नहीं चल पा रहे। कई बार तो ऑटो और रिक्शा जाम में बुरी तरह फंस जाते हैं, जिससे यात्रियों को भी परेशानी होती है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही के कारण हालात इतने बिगड़ गए हैं। एक व्यापारी ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को इस समस्या की पूरी जानकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसा लगता है जैसे वे जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। गांधी नगर मार्केट के व्यापारी और ग्राहक प्रशासन की निष्क्रियता से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि नगर निगम को इस जाम और अतिक्रमण की समस्या को सुलझाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। ग्राहकों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इस मार्केट में खरीदारी करना और भी मुश्किल हो जाएगा।