बिरकोनी| ग्राम बिरकोनी रामजानकी मंदिर में बुधवार को गीता जंयती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मंदिर में सुबह भगवान श्रीकृष्ण की पूजा आरती किया गया। श्रीमद् भगवद गीता की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर, सुगन्धित फूलों से पूजा कर गीता का पाठ भक्तों किया गया। इस अवसर पर भक्तों ने विधिविधान पूर्वक गीता पाठ किया। इस मौके पर आचार्य लक्ष्मीनारायण वैष्णव ने कहा कि भगवद्गीता पढ़ना और सुनना बहुत शुभ माना जाता है। भगवद्गीता को 18 अध्यायों में विभाजित किया गया है जिसमें ज्ञानयोग, कर्मयोग व भक्तियोग की विवेचना की गयी है। इसमें पहले के 6 अध्यायों में कर्मयोग, उसके बाद 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्यायों में भक्तियोग का उपदेश दिया गया है। आज जब मनुष्य भोग विलास, भौतिक सुखों, काम वासनाओं में जकड़ा हुआ है और एक दूसरे का अनिष्ट करने में लगा है तब इस ज्ञान का प्रादुर्भाव उसे समस्त अंधकारों से मुक्त कर सकता है, जब तक मानव इंद्रियों की दासता में है, भौतिक आकर्षणों से घिरा हुआ है, व भय, राग, द्वेष व क्रोध से मुक्त नहीं है, तब तक उसे शांति व मुक्ति का मार्ग प्राप्त नहीं हो सकता।