अमृतसर| हमारे भारत वर्ष में नीति मूल्यों से परिपूर्ण बहुत सारे ग्रंथ है। जिन ग्रंथों को उत्तम और मध्यम कहना ठीक नहीं होगा। किंतु फिर भी यदि ऐसी बात हो तो श्रीमदभगवद्गीता ग्रंथ का महत्व अपने आप में सिद्ध है। चौंक पासियां स्थित अध्यात्म केंद्र प्राचीन मंदिर श्री जय कृष्णिया में श्री गीता जयंती महोत्सव मनाया गया। मंदिर के संचालक संत दर्शनाचार्य सागर मुनि शास्त्री सातारकर की अध्यक्षता में संगत ने संस्कृत में श्रीगीता जी का पाठ किया। पश्चात जय कृष्णी परंपरा का अनुसरण करते हुए श्री गीता ग्रंथ को विडा समर्पित करके पूजन किया गया। इस कार्यक्रम में कीमती लाल गुलाटी, देवदास बाबा, गौतम सरीन, राकेश महाजन, नीलम महाजन, राकेश महाजन, अमित शिंगारी समेत कई भक्तजन मौजूद थे।