छतरपुर में चार युवकों ने पुलिस पर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाया है। युवकों का कहना है कि उनके कपड़े उतारकर उन्हें चार दिन तक पीटा गया। इतना ही नहीं गुप्तांग में मिर्च पाउडर डालने का भी आरोप पुलिस पर लगाया गया है। मामला जिले के नौगांव थाना क्षेत्र का है। इस मामले में शनिवार शाम करीब 4 बजे पीड़ित और भीम आर्मी के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे और कार्रवाई की मांग की। पीड़ित देर रात तक यहां धरने पर बैठे हैं। चोरी के झूठे आरोप में थाने लाकर मारपीट का आरोप
पीड़ितों के मुताबिक- वे सभी कंजडपुर धरमपुरा के रहने वाले हैं और झाड़ू बनाकर बेचने का काम करते हैं। 15 जुलाई की शाम को वे नौगांव डिसलेरी रोड पर एक नए मकान के उद्घाटन कार्यक्रम में गए थे। यहां से लौटते समय सड़क किनारे पेशाब कर रहे थे, तभी डायल-100 पुलिस की गाड़ी आई और बिना वजह 5 लोगों को थाने ले जाया गया। इनमें से एक युवक को विकलांग होने के कारण छोड़ दिया गया। आरोप है कि बाकी चारों युवकों को थाने में उल्टा लटकाकर बेल्ट और लात-घूंसों से पीटा गया। चोरी कबूल कराने के लिए उनके गुप्तांग में मिर्च डाली गई और चार दिन तक बुलाकर प्रताड़ित किया गया। घटना से जुड़ी तस्वीरें देखिए – एक साथी लापता, परिजन ने हत्या की जताई आशंका
मारपीट की जानकारी मिलने के बाद भीम आर्मी ने शनिवार को पीड़ित परिजन के साथ बस स्टैंड से एसपी ऑफिस तक मार्च निकाला और धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज कर उन्हें सस्पेंड करने की मांग की है। पीड़ित पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ पकड़ा गया एक युवक अब तक नहीं मिला है। उन्होंने उसकी हत्या की आशंका जताई है। डीआईजी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया
डीआईजी ललित शाक्यवार धरनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों को मेडिकल परीक्षण कराने व जांच के बाद कार्रवाई की बात कहकर चले गए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। एसपी कार्यालय की बिजली बंद की, ताला लगाया गया
धरने के दौरान एसपी कार्यालय का गेट बंद कर ताला लगाया गया और परिसर की बिजली भी काट दी गई। कार्यकर्ता, महिलाएं और बच्चे अंधेरे में ही धरने पर बैठे हैं। धरना प्रदर्शन को देखते हुए नौगांव एसडीओपी अमित मेश्राम के साथ सिटी कोतवाली, ओरछा थाना, सिविल लाइन थाना समेत अन्य थानों से पुलिस बल बुलाकर मौके पर तैनाती कराई गई है। भीम आर्मी के साथ करीब 70 लोग धरने पर बैठे हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी मौजूद हैं। पीड़ित परिवार करीब 6 घंटे से भूखा-प्यासा धरना स्थल पर बैठा है। पुलिस पर पीड़ित के ससुर को भी धमकाने का आरोप
एक पीड़ित के ससुर ने बताया कि करीब 10 बजे मैं नौगांव स्थित घर पर बच्चों को खाना देने जा रहा था। रास्ते में ईशानगर चौराहे के पास दो लोगों ने रोक लिया और टीआई सतीश सिंह को फोन कर वहां बुलाया। उनके साथ प्रमोद नाम का एक पुलिसकर्मी भी था। टीआई ने धरने के बारे में पूछताछ की और बेटी-दामाद को जबरन धरना स्थल से उठाकर घर ले आने की धमकी दी। ससुर के मुताबिक- पुलिस ने कहा कि अगर मैंने विरोध किया, तो मुझे पकड़कर थाने ले जाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम लोग सरकारी जमीन पर मकान बनाए हैं, इसलिए हमें वहां से हटा दिया जाएगा। इसी डर से मैं लौटकर फिर धरना स्थल पर आ गया हूं। हमारे बच्चे घर पर भूखे-प्यासे हैं, फिर भी हम धरना खत्म नहीं करेंगे। इस दौरान महाराजपुर विधानसभा के कांग्रेस के पूर्व विधायक नीरज दीक्षित भी धरने पर बैठे लोगों से मिलने पहुंचे।