गुरुग्राम की लाइफ लाइन बनेगा द्वारका एक्सप्रेसवे और UER-2:PM मोदी कल करेंगे उद्घाटन, दोनों प्रोजेक्ट पर 16716 करोड़ रुपए खर्च

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुग्राम से एयरपोर्ट तक बने देश के पहले 8 लेन अर्बन एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का उद्घाटन करेंगे। यह महत्वाकांक्षी परियोजना दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने और यात्रियों को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे तक तेजी से पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगी। करीब 9 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार द्वारका एक्सप्रेसवे और 7 हजार 716 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित UER-2 न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगे, बल्कि गुरुग्राम और दिल्ली के अंदरूनी और बाहरी इलाकों में ट्रैफिक के दबाव को भी कम करेंगे। द्वारका एक्सप्रेसवे का 10.1 किलोमीटर लंबा दिल्ली खंड लगभग 5 हजार 360 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। यह खंड यशोभूमि, डीएमआरसी ब्लू लाइन और ऑरेंज लाइन, आगामी बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर बस डिपो को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा। इस हिस्से का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री पैकेज I: शिव मूर्ति चौराहे से द्वारका सेक्टर-21 में रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) तक 5.9 किलोमीटर।
पैकेज II: द्वारका सेक्टर-21 आरयूबी से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 4.2 किलोमीटर, जो शहरी विस्तार रोड-II को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
द्वारका एक्सप्रेसवे के 19 किलोमीटर लंबे हरियाणा खंड का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने मार्च 2024 में किया था। द्वारका एक्सप्रेसवे: एक नई शुरुआत भारत माला परियोजना के तहत निर्मित द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली के महिपालपुर (शिव मूर्ति) से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़कीदौला टोल तक बनाया गया है। गुरुग्राम का हिस्सा पिछले साल खोल दिया गया था। अब प्रधानमंत्री गुरुग्राम से दिल्ली तक के हिस्से को विधिवत रूप से उद्घाटन करेंगे। एक्सप्रेसवे में ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए 4 स्थानों पर 4 स्तरीय (फोर-लेवल) और 9 स्थानों पर 3 स्तरीय (थ्री-लेवल) इंटरचेंज बनाए गए हैं। ये इंटरचेंज सुनिश्चित करेंगे कि विभिन्न दिशाओं से आने वाला ट्रैफिक बिना जाम के अपने गंतव्य तक पहुंचे। एयरपोर्ट टनल खास इसकी सबसे बड़ी विशेषता है 3.6 किलोमीटर लंबी और 8 लेन की देश की सबसे चौड़ी अर्बन टनल, जो द्वारका और यशोभूमि को सीधे IGI हवाई अड्डे से जोड़ती है। यह टनल यात्रियों को बिना किसी रुकावट के हवाई अड्डे तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी। टनल में आधुनिक सुविधाओं जैसे सीसीटीवी कैमरे, कंट्रोल रूम, और आपातकालीन निकास (इमरजेंसी एग्जिट) की व्यवस्था की गई है। हालांकि, सुरक्षा कारणों से 4.5 मीटर से ऊंचे वाहनों, दोपहिया, तिपहिया, और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले टैंकरों को इसमें प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) इसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड माना जा रहा है। 76 किलोमीटर लंबा यह रोड 7 हजार 716 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। यह दिल्ली-पानीपत नेशनल हाईवे 44 के अलीपुर प्वाइंट से शुरू होकर नांगलोई, नजफगढ़ रोड, और द्वारका सेक्टर-24 तक जाता है। इस रोड का निर्माण दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्शन प्रदान करने के लिए किया गया है, जिससे दिल्ली और गुरुग्राम के आंतरिक इलाकों में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। यूईआर-2 का विस्तार होगा UER-2 का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा इसका विस्तार है, जो इसे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। करीब 17 किलोमीटर लंबा यह विस्तार 3 हजार 350 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा और 2026 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
यह हरियाणा और राजस्थान से देहरादून जाने वाले वाहनों के लिए एक नया और तेज मार्ग प्रदान करेगा। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के लिए नई टनल: द्वारका एक्सप्रेसवे द्वारा गुरुग्राम से वसंत कुंज के नेल्सन मंडेला मार्ग तक 5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब टनल भी बनाई जा रही है। इस परियोजना पर करीब 3 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह टनल दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और IGI हवाई अड्डे तक पहुंच को और सुगम बनाएगी। गुरुग्राम को सबसे बड़ा फायदा? इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ गुरुग्राम के लाेगाें को होने वाला है। इसके अलावा द्वारका, वसंत कुंज, और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को मिलेगा। इसके साथ ही गुरुग्राम से फरीदाबाद मानेसर, सोनीपत, पानीपत और चंडीगढ़ जैसे शहरों से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए यात्रा समय में कमी आएगी। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी के कारण लंबी दूरी के यात्री भी इस परियोजना से लाभान्वित होंगे। ट्रैफिक और पर्यावरण पर प्रभाव दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक जाम एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण हर साल लाखों लीटर ईंधन बर्बाद होता है और पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। द्वारका एक्सप्रेसवे और UER-2 के शुरू होने से ट्रैफिक की भीड़ में कमी आएगी, जिससे ईंधन की बचत होगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह परियोजना न केवल यात्रियों के समय की बचत करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी। आर्थिक और सामाजिक प्रभाव इस परियोजना से दिल्ली-एनसीआर में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण व्यवसायों, विशेष रूप से रसद और परिवहन क्षेत्र में तेजी आएगी। साथ ही हवाई अड्डे तक तेज पहुंच से पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। सामाजिक दृष्टिकोण से, यात्रियों को जाम से मुक्ति मिलने से उनका जीवन स्तर बेहतर होगा और तनाव में कमी आएगी।

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