गोरखपुर पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। खजनी थाना क्षेत्र में जमीन विवाद के एक मामले में पुलिस ने 15 साल पहले मर चुके व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज कर दिया। इससे पहले गगहा में भी छह साल पहले मृत महिला के खिलाफ केस दर्ज करने का मामला सामने आया था। क्या है मामला? दरअसल, भिटनी गांव में जमीन विवाद को लेकर राजाराम, कर्मबीर, श्याम सुंदर यादव और राज नारायण के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया। बाद में खुलासा हुआ कि आरोपियों में शामिल श्याम सुंदर यादव की मौत 28 दिसंबर 2010 को हो चुकी थी। बावजूद इसके, पुलिस ने उन्हें आरोपी बना दिया। बिना जांच मुकदमा, पुलिस पर उठे सवाल पुलिस की इस गलती ने उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि FIR दर्ज करने से पहले पुलिस को कम से कम यह जांच करनी चाहिए कि जिनके खिलाफ केस हो रहा है, वे जीवित भी हैं या नहीं। थाना प्रभारी अर्चना सिंह ने कहा कि गलती में सुधार किया जा रहा है। वहीं, एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने सफाई दी कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है और विवेचना में मृत प्रमाणपत्र के आधार पर नाम हटा दिया जाएगा।