नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सामजिक संगठन सिधा के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर आधारित ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली “ग्रीन ट्रैक” का शुभारंभ किया। “ग्रीन ट्रैक” पोर्टल के माध्यम से अब राज्य में सागवान (टीक) वृक्षारोपण की डिजिटल निगरानी संभव होगी। बोर्ड के अध्यक्ष शशिकर सामंता ने बताया कि यह वृक्षारोपण की यह पहल शहरी क्षेत्रों से आगे बढ़कर ग्रामीण घरों तक ले जाई जाएगी। उन्होंने कहा, आमतौर पर वृक्षारोपण शहरी सड़कों के किनारे या वन महोत्सव व पर्यावरण दिवस पर किया जाता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र भी अब प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने इस पहल को ग्रामीणों के लिए और उद्योगों के लिए कार्बन क्रेडिट अर्जित करने का एक माध्यम बताया। इस प्रणाली के माध्यम से उद्योग खुद को पंजीकृत कर सकेंगे और ग्रामीण परिवारों को पौधे उपलब्ध कराएंगे। ये पौधे जिओ-टैग किए जाएंगे और उन्हें एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी, जिससे उद्योग अपनी भागीदारी और कार्बन क्रेडिट की प्रगति को ट्रैक कर सकेंगे। कार्यक्रम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष शशिकर सामंता, सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी, ओएसडी संजय कुमार श्रीवास्तव और सिधा के सचिव हेमंत कुमार उपस्थित थे। पोर्टल मोबाइल-फ्रेंडली को भी समर्पित बोर्ड की सहायक अभियंता रोशनी सिंह ने बताया कि यह पोर्टल मोबाइल-फ्रेंडली है। भविष्य में इसमें और भी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। पौधों को परिजनों को समर्पित भी किया जा सकता है, जो प्रधानमंत्री की पहल “एक पेड़ मां के नाम” से जुड़ा हुआ है। प्रश्नोत्तर सत्र में उद्योग प्रतिनिधियों ने इस पहल की सराहना की और उपयोगी सुझाव भी दिए। कई उद्योगों ने अपने वृक्षारोपण कार्यों को साझा किया और निकट भविष्य में पोर्टल पर पंजीकरण कराने की मंशा जताई। बताया गया कि यह कार्यक्रम पर्यावरणीय संरक्षण में तकनीक और सामूहिक जिम्मेदारी की एक सशक्त मिसाल है।