भास्कर न्यूज | जांजगीर ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या से निपटने छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय संचालक संघ ने पर्यावरण हितैषी अभियान की शुरुआत की है। “पीपल का एक पौधा गुरु के नाम” शीर्षक से शुरू हुए इस विशेष महाअभियान की वास्तविक शुरुआत गुरु पूर्णिमा पर 10 जुलाई 2025, गुरुवार को हुई है, जो कि 5 सितंबर शिक्षक दिवस तक चलेगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध राठी ने बताया इस पांच वर्षीय अभियान के तहत प्रथम वर्ष में 2 लाख से अधिक पीपल के पौधे लगाए जा रहे हैं। कुल लक्ष्य 11 लाख 11 हजार 111 पीपल के पौधे लगाने का है। संघ के प्रदेश सचिव और जांजगीर-चांपा के जिला अध्यक्ष मनोज पांडेय ने बताया कि यह अभियान विद्यार्थियों से दक्षिणा स्वरूप एक पौधा गुरु के नाम पर मांगने की प्रेरणा पर आधारित है, ताकि वे अपने भविष्य के लिए पर्यावरण को बेहतर बना सकें। इस क्रम में गुरु पूर्णिमा के दिन जांजगीर जिले के सभी निजी विद्यालयों में सैकड़ों विद्यार्थियों ने पौधारोपण किया। विशेष रूप से गौरव ग्राम सिवनी स्थित विद्या निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी के 400 से अधिक विद्यार्थियों ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी के परिसर में पीपल के पौधे लगाए। कार्यक्रम में संघ के संरक्षक रोशन केशरवानी, विद्यालय संचालक विजय राठौर और ग्राम सरपंच रघुवीर बरेठ मौजूद रहे। पूरे अभियान की मॉनिटरिंग एक विशेष पोर्टल के माध्यम से की जा रही है www.fightagainstglob alwarming.xyz। इस पोर्टल का निर्माण विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जांजगीर के पूर्व छात्र मृत्युंजय पाण्डेय ने किया है। पोर्टल पर विद्यार्थियों का ऑनलाइन पंजीयन, पौधारोपण की फोटो अपलोडिंग और प्रत्येक तीन महीने में उसकी प्रगति रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। हर विद्यार्थी को एक यूनिक आईडी नंबर प्रदान की गई है, जिससे उनके द्वारा लगाए गए पौधे की निगरानी की जा सके। 2000 निजी स्कूलों के 5 लाख विद्यार्थी ले रहे हिस्सा अभियान में छत्तीसगढ़ के लगभग 2,000 निजी विद्यालयों के 5 लाख से अधिक विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। विद्यार्थी स्वयं पीपल का पौधा एकत्र कर पहले उसे घर में गमले में सुरक्षित रखते हैं और फिर पालकों के साथ मिलकर अपने आसपास की भूमि में उसे रोपित करते हैं। पौधे की देखभाल, खाद-पानी और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी विद्यार्थी स्वयं उठा रहे हैं। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान को विद्यालय प्रोजेक्ट के रूप में जोड़ा गया है, जो छात्र पौधे को 5 वर्षों में वृक्ष में परिवर्तित करेंगे, उन्हें परीक्षा में 10 बोनस अंक प्रदान किए जाएंगे।