भास्कर न्यूज| अमृतसर यदि आपको रात में सोते समय खर्राटे आते हैं और सारा दिन आलस छाया रहता है, तो यह आपके लिए काफी घातक हो सकता है। क्योंकि इससे न सिर्फ वाहन चलाते समय अचानक नींद आने से आप दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं, बल्कि ब्रेन और हार्ट को सोते समय पूरी ऑक्सीजन न मिलने से आपको कई तरह की बीमारियां भी घेर सकती है। यह जानकारी भारतीय सर्जनों की एसोसिएशन फॉर स्लीप एपनिया की 11वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस आईएएसएस एकॉन 2025 में हिस्सा लेने पहुंचे डॉक्टरों और सर्जन ने दी। 11वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस का अमृतसर में आयोजन किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य खर्राटों और स्लीप एपनिया पर लोगों को जागरूक करना है। देश और विदेश से इस कार्यक्रम में करीब साढ़े 500 डॉक्टर और सर्जन ने हिस्सा लिया। उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वर्चुअल माध्यम से किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जे.पी. नड्डा ने भी वीडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं दीं। कांफ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष डॉ. करूनेश गुप्ता और सचिव डॉ. अनुकरण महाजन ने बताया कि खर्राटे केवल सामाजिक नहीं बल्कि एक गंभीर चिकित्सकीय समस्या भी हैं। यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का कारण बनता है। यह सम्मेलन न केवल डॉक्टरों को एक समन्वित तरीके से इस बीमारी के इलाज में मदद करेगा, बल्कि आम जनता में भी इस गंभीर लेकिन उपेक्षित रोग के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों को खर्राटों के प्रति सचेत करने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने काफी जरूरी है। डॉ. महाजन के मुताबिक दिन में अत्यधिक नींद आना, सड़क हादसे, चिड़चिड़ापन और कार्यक्षमता में गिरावट इसके अन्य दुष्प्रभाव हैं। उन्होंने बताया कि स्लीप एपनिया का उपचार जीवनशैली में बदलाव करने से किया जा सकता है। इसके अलावा लोग अपने वजन को कम करके और नियमित रूप से व्यायाम करके भी इस बीमारी से बच सकते हैं।