आंगनबाड़ी केन्द्रों में सामानों की सप्लाई पर राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। 23 करोड़ के फर्नीचर, थाली, तवा, अनाज की कोठी और आलमारी की खरीदी में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। सप्लाई एजेंसियों ने बच्चों के भोजन के लिए स्टेनलेस स्टील की घटिया क्वालिटी की थाली सप्लाई कर दी। आलमारी की क्वालिटी भी ऐसी कि एक धक्के में गिर जाए। अनाज की कोठी और सब्जी बनाने की कढाई भी निर्धारित मापदंडों से बेहद कम वजन की भेज दी। घपला सामने आने के बाद 6 सप्लाई एजेंसियों को सरकारी टेंडर में हिस्सा लेने के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। अब ये एजेंसियां जेम पोर्टल में भी किसी टेंडर में शामिल नहीं हो सकेंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इसी साल राज्य भर की आंगन बाड़ियों के लिए सामान की सप्लाई की गई है। जैसे- जैसे सामान केंद्रों में पहुंच रहा था, घपले की परतें भी खुल रही थीं। सप्लायरों ने आलमारी तो इतनी पतली चादर से बना दी कि उसे गोदाम में ही रिजेक्ट कर दिया गया। गोदाम से आलमारी ही नहीं उठाई गई। हालांकि, आलमारी सहित सभी सामानों के लिए वजन व साइज सहित उसकी क्वालिटी को लेकर मापदंड तय किए गए थे। उसके बाद भी सप्लायरों ने घटिया क्वालिटी का सामान सप्लाई कर दिया। शिकायत मिलने उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई। इन एजेंसियों को किया गया ब्लैक लिस्ट मेसर्स नमो इंटरप्राइजेस, आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मनीधारी सेल्स, ओरिएंटल सेल्स, मेसर्स सोनचिरैया कॉर्पाेरेशन।
राज्य स्तरीय जांच समिति ने की जांच
सामानों की जांच के लिए राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया था। इसमें संयुक्त संचालक (वित्त), सीएसआईडीसी और जीईसी के तकनीकी प्रतिनिधि और जिला कार्यक्रम अधिकारियों के अलावा सहायक संचालक (आईसीडीएस) और दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों के अलावा अन्य विशेषज्ञ शामिल थे। कमेटी में शामिल विशेषज्ञों ने रायपुर के अलावा दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर और सरगुजा जिले में जांच की। एक-दो सामानों को छोड़कर ज्यादातर घटिया क्वालिटी की निकली। इसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के निर्देश पर 6 सप्लाई एजेंसियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। समिति ने सभी जिलों में गुणवत्ता की जांच कर 15 दिन के भीतर संचालनालय को रिपोर्ट सौंपी। उसके बाद ही कार्रवाई की गई है।
जांच रिपोर्ट में इस तरह के निष्कर्ष जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई
बच्चों और महिलाओं से जुड़ी सेवाओं में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। शिकायत मिलते ही जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की गई है।
लक्ष्मी राजवाड़े, महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री छत्तीसगढ़।