पंजाब के चर्चित रियल एस्टेट कारोबारी और पूर्व अकाली दल नेता रंजीत सिंह गिल के चंडीगढ़ स्थित घर पर शनिवार को विजिलेंस ब्यूरो ने छापा मारा। यह कार्रवाई तब सुर्खियों में आ गई जब पता चला कि गिल ने महज 12 घंटे पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ली थी। गिल ने शुक्रवार शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी जॉइन की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पार्टी की नीतियों में विश्वास जताते हुए कहा था कि वे पंजाब में बीजेपी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। छापेमारी की टाइमिंग को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, अब तक विजिलेंस विभाग ने छापे को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। मुख्यमंत्री सैनी ने जताया था भरोसा
गिल की पार्टी में एंट्री के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर हिंदी में पोस्ट करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब की जनता ने इस बार घर-घर कमल खिलाने का मन बना लिया है। जनता का भाजपा पर बढ़ता विश्वास इस बात का प्रमाण है कि इस बार पंजाब सकारात्मक बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार है।” कभी सुखबीर बादल के करीबी थे गिल रंजीत सिंह गिल कभी शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाते थे। उन्होंने हाल ही में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के दौरान गिल ने आरोप लगाया था कि पार्टी में वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। गौरतलब है कि गिल ने पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव में खरड़ सीट से शिअद के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।