चंडीगढ़ में 375 लोगों को दी सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग:आपदा से निपटने के तरीके बताए; चंडीमंदिर में मॉक ड्रिल भी हुई

चंडीगढ़ में 375 लोगों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई। यह ट्रेनिंग महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (MGSIPA), सेक्टर-26 में पूरी हुई। इस ट्रेनिंग का मकसद था कि शहर में अगर कोई आपात स्थिति आ जाए तो आम लोग भी मदद के लिए तैयार रहें और प्रशासन की टीम का साथ दे सकें। तीन चरणों वाले इस कार्यक्रम में सभी 375 वालंटियरों को आपदा के समय काम आने वाली जरूरी बातें सिखाई गईं। जैसे- अगर आग लग जाए, भूकम्प या बाढ़ आ जाए या कोई बड़ा हादसा हो जाए, तो कैसे शांत दिमाग से काम करना है। प्राथमिक इलाज कैसे देना है, किससे संपर्क करना है और किस तरह दूसरों की मदद करनी है। चंडीमंदिर कैंट में मॉक ड्रिल ट्रेनिंग के आखिरी दिन सभी वालंटियरों को चंडीमंदिर कैंटोनमेंट ले जाया गया, जहां उन्होंने फौज के अधिकारियों की देखरेख में मॉक ड्रिल और इमरजेंसी एक्सरसाइज की। इन अभ्यासों में सिखाया गया कि अगर किसी इमारत से लोगों को निकालना हो या कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो कैसे सही तरीके से काम किया जाए। क्लास में दी गई जरूरी जानकारी मॉक ड्रिल से पहले सभी वालंटियरों को MGSIPA में क्लास के जरिए पढ़ाया गया। विषय विशेषज्ञों ने उन्हें आपातकालीन संचार, प्राथमिक उपचार, सभी एजेंसियों के बीच तालमेल और जरूरी प्रक्रियाओं की जानकारी दी। पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए सवाल-जवाब, सिमुलेशन और इंटरएक्टिव सेशन भी करवाए गए। आपदा के लिए तैयार हो रही टीम डिप्टी कमिश्नर निशांत कुमार यादव ने कहा, “जब मौसम में बदलाव, शहरों का तेजी से बढ़ना और समाज में हो रहे बदलाव जैसी चुनौतियां सामने आ रही हैं। तब जरूरी है कि हमारे लोग जागरूक और अच्छी तरह से तैयार हों। इस ट्रेनिंग से हमने ऐसे लोगों की टीम तैयार की है जो किसी भी आपात स्थिति में सबसे पहले मदद के लिए आगे आएंगे।”उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ सरकार का नहीं है, नागरिकों को भी जिम्मेदारी निभानी होगी। प्रशासन अब इस ट्रेनिंग मॉडल को शहर के हर कोने तक पहुंचाना चाहता है, ताकि हर इलाके के लोग तैयार रहें। देश के लिए बन सकता है उदाहरण यह सिविल डिफेंस ट्रेनिंग कार्यक्रम दिखाता है कि अगर नागरिक और सरकारी एजेंसियां मिलकर काम करें तो एक मजबूत और सुरक्षित व्यवस्था बनाई जा सकती है। चंडीगढ़ जो मॉडल तैयार कर रहा है, उसे पूरे देश में अपनाया जा सकता है। जहां आम लोग ही पहली और सबसे मजबूत लाइन ऑफ डिफेंस बनें।

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