चंडीगढ़ सोसाइटी घोटाला मामले में 9 आरोपियों की जमानत खारिज:फ्लैट पॉलिसी में कई वादे अधूरे, कोर्ट ने मानी अनियमितताएं, 6 साल पुराना मामला

चंडीगढ़ जिला न्यायालय ने सेक्टर-51डी स्थित अजंता कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी लिमिटेड के 9 पूर्व पदाधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मामला छह साल पुराना है, जिसमें सोसायटी के पदाधिकारियों पर धोखाधड़ी और ठगी का आरोप लगाया गया था। जिन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की गई है, उनमें पी. सरवाल, रूपशिखा सिंघानिया, बलबीर कौर, रोमेश कुमार ठुकराल, रणबीर सिंह, प्रभाष चंद सिंघल, शाम सुंदर भारद्वाज, तरलोचन सिंह भाटिया और सुरजीत सिंह बैंस शामिल हैं। पुलिस ने 2018 में किया था मामला दर्ज साल 2018 में शिकायतकर्ता गुरमुख सिंह लेहल ने सेक्टर-49 थाना पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सोसाइटी के पदाधिकारियों ने सदस्यों से लिए गए पैसे का दुरुपयोग किया और जिन सेवाओं के लिए भुगतान किया गया था, वे प्रदान नहीं की गईं। सोसाइटी ने बिना पूर्णता और अधिभोग प्रमाण पत्र के फ्लैटों का कब्जा देना शुरू कर दिया था। फायर फाइटिंग सिस्टम और अन्य गड़बड़ियों का आरोप शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि फायर फाइटिंग सिस्टम का पैसा दुरुपयोग किया गया। जांच में पता चला कि सिस्टम लगाया गया था लेकिन कुछ हिस्से चोरी हो गए थे। इसके अलावा, स्विमिंग पूल और अन्य वादे पूरे नहीं किए गए। सरकारी वकील ने किया जमानत का विरोध सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी गबन में शामिल रहे हैं और जमानत मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है। हाईकोर्ट ने भी की याचिका खारिज इससे पहले, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी आरोपी रूपन सचदेवा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने पाया था कि आरोपी गबन में शामिल रहे हैं। जिला अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अब मामले में पुलिस और अदालत की आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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