चहेती फर्म को नहीं मिला तो सफाई टेंडर रद्द किए,अनुभव 2 से बढ़ा 4 साल कर वही ठेका 63 की बजाय 81 लाख में दिया

राजकीय जनाना अस्पताल व नेत्र चिकित्सालय में सफाई के ठेका में हेराफेरी कर फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाने उसे देने का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रशासन ने 62.95 लाख रुपए का ठेका हेराफेरी कर दोगुनी राशि से भी ज्यादा राशि 81 लाख रुपए में देकर मामले को दबाए रखा गया और इसका अब ऑडिट के बाद इसका खुलासा हुआ है। आरएमआरएस के फंड का दुरुपयोग किया गया है। वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने सफाई पहले से बदतर होने पर भी फर्म को ब्लैक लिस्ट नहीं किया है, जबकि हाल में ही जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने गंदगी के हालात देखकर फटकार भी लगाई। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन फर्म को संरक्षण देकर सफाई व्यवस्था को नहीं सुधार पाया है, जिस पर जिला कलेक्टर ने अब जनाना अस्पताल के प्रभारी डॉ. योगेंद्र मीणा को 28 नवंबर को 17 सीसी का नोटिस व आरबीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नगेंद्र सिंह भदौरिया को कारण बताओ नोटिस दिया है। दीवारें गुटखाें की पीक से रंगी वार्डों में बेड के नीचे कचरा जिला कलेक्टर ने हाल में 28 नवंबर को जनाना अस्पताल के प्रभारी डॉ. योगेंद्र मीणा को 17 सीसी का नोटिस व आरबीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नगेंद्र सिंह भदौरिया को कारण बताओ नोटिस दिया है। जिसमें लिखा कि 12 नवंबर को जनाना अस्पताल के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों की पूर्तियों के संबंध में लिखा गया था। परंतु 25 नवंबर को एसडीएम के निरीक्षण में हालात जस की तस मिले। भरतपुर. जनाना अस्पताल वार्ड में बैडों के नीचे गंदगी। आरएमआरएस की मीटिंग में हुआ था निर्णय: डॉ साहनी आरएमआरएस के अध्यक्ष तत्कालीन कलेक्टर लोकबंधु और तत्कालीन राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग की मौजूदगी में बैठक में पहली बार हुए टेंडर को निरस्त कर दोबारा से सफाई की डीपीआर निगम से तैयार करवा कर सफाई के 4 वर्ष के कार्य अनुभव की शर्त को जोड़कर ठेका करने का निर्णय लिया गया था। डॉ. जिज्ञासा साहनी, तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक, आरबीएम अस्पताल भरतपुर मेरा ठेका साजिश के तहत निरस्त कराया : शर्मा तत्कालीन मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने ही नगर निगम में भी इसी फर्म को 8 करोड़ का ठेका 20 करोड़ में दिलाया था। वह इसी फर्म को ठेका दिलाना चाहते थे, इसलिए साजिश के तहत ठेके की शर्तों में बदलाव करके मेरा ठेका निरस्त कराया और दुगनी से ज्यादा राशि में ठेका दिया गया। बिना कारण बताए निविदा रद्द कर कथित कंपनी को पहुंचाया लाभ जनाना व नेत्र चिकित्सालय परिसर एवं शौचालय की साफ़-सफाई तथा रखरखाव कार्य के लिए 5 मई 2023 को ई-निविदा आमंत्रित की। इस निविदा में तीन फर्मों ने भाग लिया था। जिसमें राष्ट्रीय सामाजिक विकास संस्थान भरतपुर कार्य अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त पूर्ण नहीं करने पर असफल रही। इसके बाद शेष दो फर्मों शर्मा डिटेक्टिव एंड सिक्योरिटी सर्विसेज भरतपुर एवं लायंस सर्विसेज लिमिटेड न्यू देहली की वित्तीय बोली में शर्मा डिटेक्टिव 62.95 लाख रुपए की बोली लगाकर पहले नंबर पर रही, जबकि लायंस सर्विसेज लिमिटेड न्यू देहली 1.20 करोड़ की बोली लगा दूसरे नंबर पर रही। शर्मा डिटेक्टिव सर्विसेज ने 45 हाउस कीपिंग स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए लिखा, जबकि लायंस सर्विसेज ने 35 हाउसकीपिंग ही स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए लिखा। ऐसी स्थिति में सबसे कम राशि का ठेका लेने वाली फर्म शर्मा डिटेक्टिव सर्विसेज को टेंडर दिया जाना था, जबकि बिना कोई कारण बताये तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक ने 21 जून 23 को निविदा निरस्त कर दी। 18 सितंबर 23 को पुन: निविदा आमंत्रित की तथा सैकंड स्थान पर रही फर्म को ठेका देकर निविदा शर्तों में बदलाव करके कार्य अनुभव को 2 से 4 वर्ष कर दिया। फिर लायंस सर्विसेज को 5 दिसंबर 23 को 81 लाख रुपए में ठेका दे दिया जो कि पिछले रद्द किए गए निविदा की बोली 62.95 लाख से 18.05 लाख रुपए अधिक था। जबकि इससे पहले 15 दिसंबर 21 से 14 दिसंबर 23 तक का ठेका मेसर्स अशोक कुमार जैन को 34.82 लाख रुपए वार्षिक के हिसाब से दिया गया था। लायंस सर्विसेज को 5 दिसंबर 23 को 81 लाख रुपए में वर्क आर्डर देकर आरएमआरएस के फंड का दुरुपयोग किया।

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