विक्की कुमार | अमृतसर रिजनल ट्रांसपोर्ट आफिस के अधीन आते चालान विंडो पर हमेशा चालान निकालने को लेकर गड़बड़ियां अक्सर सामने आती रही हैं। अब फिर से नया मामला सामने आया है। विभाग की चालान विंडो पर तैनात महिला कर्मचारी ने एक एजेंट के करीब 6 चालान एक साथ निकाल दिए। यह 6 चालान हैलमेट से संबंधित ही थे। चालान पर्ची पर एजेंट का नाम लिखा हुआ था तो इसमें से 3 चालान के महिला कर्मचारी ने 6-6 हजार रुपए के जुर्माना करके रसीद दे दी, जबकि 3 चालानों की 1-1 हजार की रसीद काट दे दी गई। मामला गर्माया और शिकायत स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास पहुंची। स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने रिजनल ट्रांसपोर्ट आफिसर खुशदिल सिंह से इस मामले की रिपोर्ट भी मांगी है। फिलहाल इस मामले में आरटीओ ने जांच का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके तहत अगली कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ का कहना है कि पंजाब सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है और भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। बता दें कि बटाला के एक युवक ने अपने किसी रिश्तेदार का चालान भुगतने के लिए रामतीर्थ रोड स्थित ट्रांसपोर्ट विभाग के दफ्तर पहुंचा था। यहां पर एक एजेंट को उसके रिश्तेदार ने घेर लिया और उसे चालान निकलवाने का हवाला दिया। एजेंट ने चालान पर्ची पर अपना नाम लिख दिया और उसे महिला कर्मचारी के पास भिजवा दिया। महिला कर्मचारी ने एक-एक करके तीन चालान निकाल दिए। उनका एक-एक हजार रुपए जुर्माना वसूला लिया। इसके अलावा तीन चालानों के प्रति चालान छह-छह हजार रुपए जुर्माना वसूला गया। यहां बताने योग्य है कि नियमों के मुताबिक हैलमेट के चालान काटने पर तीन महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने का नियम है। इसके लिए कर्मचारी लाइसेंस को रख लेती है और तीन महीने बाद उसे वापिस दिया जाता है। महिला कर्मचारी ने जिन तीन चालानों के छह-छह हजार रुपए वसूले उसके ड्राइविंग लाईसेंस नहीं थे। इसलिए यह जुर्माना वसूला गया। इसी तरह तीन अन्य के भी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थे, उनसे सिर्फ एक-एक हजार रुपए जुर्माना ही वसूला गया। आरटीओ खुशदिल सिंह का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी। टाईमबाउंड जांच होगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं महिला कर्मचारी कंवलप्रीत कौर का कहना है कि उन्होंने कोई अधिक पैसा नहीं लिया है, जितने भी पैसे लिए है, उनकी रसीदे दी है। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस के नंबर लिख लिए थे, ताकि उनके सस्पेंड करने की कार्रवाई की जा सके।