चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी (चीन में यारलुंग सांगपो) पर दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर डैम बनाना शुरू कर दिया है। शनिवार को चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग ने इसकी शुरुआत की। AFP की रिपोर्ट के अनुसार, इस डैम प्रोजेक्ट को बीजिंग ने दिसंबर 2024 में मंजूरी दी थी। ये बांध चीन के न्यिंगची शहर में बनाया जा रहा है। इसकी कुल लागत करीब 167.8 अरब डॉलर (लगभग 12 लाख करोड़ रुपए) बताई गई है। यह डैम अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे न्यिंगची शहर में बनाया जा रहा है। इसे लेकर भारत और बांग्लादेश दोनों ने गहरी चिंता जताई है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस बांध को भारत के लिए वाटर बम बताया था। ब्रह्मपुत्र नदी के भारत में प्रवेश से पहले बनेगा डैम करीब 2900 किलोमीटर लंबी ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के उस पार तिब्बत के पठार पर 2057 किलोमीटर दूर तक पश्चिम की ओर बहती है और उसके बाद अरुणाचल प्रदेश से होकर भारत में प्रवेश करती है। भारत के बाद ये बांग्लादेश में जाती है और फिर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है, लेकिन भारत में प्रवेश से ठीक पहले ये नदी एक यू टर्न लेती है। यही वो इलाका है जहां चीन दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर डैम बना रहा है। भारत बांध का विरोध क्यों कर रहा? भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी साल 3 जनवरी को एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बांध को लेकर आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था कि ब्रह्मपुत्र पर बांध बनाने से निचले राज्यों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। 300 अरब यूनिट से अधिक बिजली बनाएगा चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक परियोजना में पांच सीढ़ीदार (कैस्केड) हाइड्रोपावर स्टेशन शामिल होंगे। ये डैम साल भर में 300 अरब यूनिट (किलोवाट-घंटे (kWh)) से अधिक बिजली बनाएगा। इस बिजली से 30 करोड़ लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। भारत भी ब्रह्मपुत्र पर डैम बना रहा भारत भी अरुणाचल प्रदेश में इसी नदी पर एक बड़ा डैम बना रहा है। ब्रह्मपुत्र और सतलुज पर जल-प्रवाह डेटा को लेकर भारत-चीन के बीच 2006 से एक्सपर्ट लेवल मैकेनिज्म (ELM) चल रहा है। पिछले साल दिसंबर में NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत में भी यह मुद्दा उठा था। 2015 में चीन ने तिब्बत में 1.5 अरब डॉलर की लागत वाला जम हाइड्रोपावर स्टेशन शुरू किया था। तब भी भारत ने चिंता जताई थी कि चीन धीरे-धीरे ब्रह्मपुत्र के जलस्तर और दिशा पर कब्जा कर सकता है। ——————————— चीन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…. चीन ने पहलगाम हमले की निंदा की:कहा- हम हर तरह के आतंकवाद के विरोधी, आतंकी संगठन TRF और पाकिस्तान का नाम नहीं लिया चीन ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन हर तरह के आतंकवाद का सख्त विरोध करता है और 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है। पूरी खबर यहां पढ़ें…