चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की निंदा:रामपुर में दलित शोषण मुक्ति मंच ने की विरोध की अपील, वकील पर सख्त कार्रवाई की मांग

हिमाचल प्रदेश के शिमला के रामपुर में दलित शोषण मुक्ति मंच ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना की कड़ी निंदा की है। इस घटना को संविधान, न्यायपालिका व लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया। लोगों से भी इसकी निंदा करने की अपील की है। मंच का कहना है कि भाजपा व संघ नेताओं के जातिवादी और सांप्रदायिक बयानों ने ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दिया है। मंच ने आरोपी वकील के खिलाफ कठोर कार्रवाई, चीफ जस्टिस की सुरक्षा बढ़ाने और नफरत फैलाने वाले संगठनों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। संकीर्ण मानसिकता की परिणाम हैं यह घटना
रामपुर के संयोजक देवकी नंद ने कहा कि यह घटना आरएसएस व मनुवादी विचारधारा से प्रेरित संकीर्ण मानसिकता का परिणाम है। चीफ जस्टिस पर जूता फेंकना दर्शाता है कि मनुवादी ताकतें समानता व सामाजिक न्याय की संवैधानिक भावना को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। यह सोच दलित व संविधान विरोधी है उन्होंने कहा कि यह सोच दलित विरोधी और संविधान विरोधी विचारों को बढ़ावा देती है। इसके कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इसपर सख्त कार्रवाई कर रोक लगाई जानी चाहिए। संविधान, न्यायपालिका और सामाजिक न्याय पर किसी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *