चैटजीपीटी हेड बोले- एप में विज्ञापन दिखने की अफवाहें गलत:यूजर्स ने सोशल मीडिया पर चैटजीपीटी एप में एड दिखने का दावा किया था

सोशल मीडिया पर चैटजीपीटी में एड दिखने के दावों के बीच ओपनएआई के वाइस प्रेसिडेंट और चैटजीपीटी हेड निक टर्ले ने X पर पोस्ट करके साफ किया कि कंपनी चैटजीपीटी पर ऐड्स टेस्ट नहीं कर रही है। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर जो भी स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं वे या तो फेक हैं या विज्ञापन नहीं हैं। कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर ऐड्स जैसे प्रॉम्प्ट्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे। ओपनएआई के चीफ रिसर्च ऑफिसर मार्क चेन ने भी माना है कि चैटजीपीटी सजेशन्स विज्ञापन जैसे लगे, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। यूजर्स ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन के स्क्रीनशॉट शेयर किए कुछ यूजर्स ने चैटजीपीटी एप में प्रॉम्प्ट्स में विज्ञापन दिखाने के स्क्रीनशॉट शेयर किए। टर्ले ने X पर लिखा, चैटजीपीटी में विज्ञापन की अफवाहों से कन्फ्यूजन हो रहा है। लेकिन विज्ञापन पर कोई लाइव टेस्ट नहीं किया जा रहा है। अगर ऐड्स लाएंगे तो थॉटफुल अप्रोच लेंगे। मार्क चेन ने कहा, जो भी ऐड जैसा लगे, उसे केयर से हैंडल करना चाहिए। लेकिन हमने मॉडल की प्रिसिजन सुधारने के लिए सजेशन्स बंद कर दिए। इससे यूजर्स की कन्फ्यूजन हुआ। बेहतर कंट्रोल्स पर काम कर रहे हैं ताकि यूजर्स इसे ऑफ कर सकें। सैम ऑल्टमैन ने रेड कोड दिया यह कंट्रोवर्सी तब आई जब ओपनएआई ने चैटजीपीटी सजेशन्स रोलआउट किए। यूजर्स को शॉपिंग और ऐप्स से जुड़े प्रॉम्प्ट्स दिखे, जो ऐड्स जैसे लगे। वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, CEO सैम ऑल्टमैन ने इंटरनल मेमो में चैटजीपीटी के लिए कोड रेड कॉल किया है। इससे हेल्थ, शॉपिंग पर AI एजेंट्स और पर्सनल असिस्टेंट पल्स जैसे प्रोजेक्ट्स पॉज हो गए। पहले कोड ऑरेंज मॉडल परफॉर्मेंस सुधारने के लिए था। ओपनएआई में कलर-कोड सिस्टम यूज होता है, रेड सबसे हाई प्रायोरिटी है। कोड रेड और कोड ऑरेंज का मतलब क्या है? कोड रेड और कोड ऑरेंज ओपनएआई कंपनी के अंदर इस्तेमाल होने वाले अलर्ट हैं। जैसे आर्मी में रेड अलर्ट सबसे खतरनाक होता है, वैसे ही कोड रेड मतलब सबसे हाई प्रायोरिटी यानी सब कुछ रोककर एक काम पर फोकस करो, ये बहुत जरूरी है। अभी सैम ऑल्टमैन ने चैटजीपीटी के लिए कोड रेड लगाया है, यानी सारे इंजीनियर्स सिर्फ चैटजीपीटी को बेहतर बनाने में लगे हैं। कोड ऑरेंज उससे थोड़ा कम सीरियस होता है। ये भी जरूरी है, लेकिन अभी रेड जितना नहीं। मतलब कंपनी के अंदर रंगों से पता चल जाता है कि कौन सा प्रोजेक्ट सबसे ऊपर है।

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