छत्तीसगढ़ के बिजली के दाम बढ़ने को लेकर बीजेपी सरकार पर कांग्रेस आक्रामक है। रायपुर में शनिवार को कांग्रेस ने बूढ़ापारा स्थित CSPDCL (बिजली ऑफिस) के बाहर प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने बिजली बिलों की प्रतियां जलाकर नाराजगी जताई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जनता को लूटने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की। अब आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा। साय सरकार ने चौथी बार बिजली के बढ़ाएं दाम- बैज दीपक बैज ने कहा कि, डेढ़ साल के भीतर भाजपा की साय सरकार ने चौथी बार बिजली के दाम बढ़ाएं है। सरकार जनता की जेब में डकैती कर रही है। 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपए 30 पैसे के दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमन सिंह के समय ही 6 रुपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया। जिसे चुनाव चुनावी साल 2018 में मात्र 20 पैसे घटकर 6 रुपए 20 पैसे किया गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में पूरे 5 साल का नेट वृद्धि यदि देखें तो मात्र दो पैसे का था, जो ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम था। कांग्रेस ने 3240 करोड़ की सब्सिडी दी बैज ने कहा कि, हमारी सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल हाफ योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड़ रुपए के सब्सिडी देकर बहुत बड़ी राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक निशुल्क बिजली दिया, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुक्त बिजली दी गई। अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाया। भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश भर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बढ़ाई जाने लगी है। प्रदेश में कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेची जा रही है ? कांग्रेस के अनुसार, घरेलू बिजली की दर में वृद्धि (रमन सरकार में कुल वृद्धि 3 रुपए 10 पैसे यानी 94%) (कांग्रेस सरकार के 5 साल में कुल वृद्धि मात्र .02 रुपए या 2 पैसे यानी केवल 0.32 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई) (भाजपा की वर्तमान साय सरकार के डेढ़ साल में कुल वृद्धि 80 पैसे यानी 13 प्रतिशत बढ़ोत्तरी) साय सरकार में लगातार बिजली का झटका- भूपेश इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि, भाजपा सरकार ने जनता को बिजली के नाम पर झटका दिया है। बिजली की दरों में 1.8% की बढ़ोतरी की गई है। एक तरफ महंगाई लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ किसान खाद-बीज की कमी से परेशान हैं। तीसरी तरफ स्कूल बंद हो रहे हैं। चौथी तरफ विष्णुदेव लगातार बिजली के झटके दे रहे हैं। जनता के जेब में कितना असर पड़ेगा बता दें कि, छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को अगस्त से बढ़ा हुआ बिल भरना पड़ेगा। बिजली नियामक आयोग शुक्रवार को नया टैरिफ जारी किया है। आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 20 पैसे ज्यादा देना होगा। इसी तरह कॉमर्शियल के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देना होगा। वहीं इस बढ़ोतरी को कांग्रेस ने जनता पर अत्याचार बताया है। अधिकारियों ने बताया कि, नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है। दैनिक भास्कर डिजिटल ने सबसे पहले बताया था कि प्रति यूनिट 10-15 पैसे तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। जून 2025 से शुरू हुई थी प्रक्रिया बिजली यूनिट बढ़ाने की कवायद 20 जून से शुरू हुई थी। आयोग के अध्यक्ष ने उपभोक्ताओं को जनसुनवाई के लिए आमंत्रित किया था। जनसुनवाई की जानकारी मिलने पर आयोग दफ्तर पहुंचे कांग्रेस पदाधिकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया था। आयोग के पदाधिकारियों घरेलू उपभोक्ता, कॉमर्शियल उपभोक्ता, किसान और बिजली कंपनी के अधिकारियों से पक्ष जानने के बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने भेजा 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग को 4550 करोड़ रुपए का घाटा बताते हुए 20 पैसे बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था। तर्क दिया गया है कि, लाइन लॉस, बिजली चोरी की वजह से कंपनी को राजस्व में नुकसान हो रहा है। 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता बिजली कंपनी में वर्तमान में 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। ये उपभोक्ता बीपीएल, घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ता में बंटे हुए हैं। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा। जून 2024 में आयोग ने बढ़ाई थी दरें छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग ने आखिरी बार बिजली दर में बढ़ोतरी जून 2024 को की थी। वर्ष 2023 में चुनावी साल होने की वजह से बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं की थी। …………………………………… ये खबर भी पढ़ें…. 1 जुलाई से प्रति यूनिट 20 पैसे बढ़ेगा बिजली बिल: 4 हजार करोड़ का घाटा जनता से वसूलने का प्रस्ताव; चिमनी-लालटेन के साथ कांग्रेस का विरोध छत्तीसगढ़ के 64 लाख बिजली उपभोक्ताओं को जुलाई महीने से बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, CSPDCL ने विद्युत नियामक आयोग को 4550 करोड़ रुपए के घाटे की जानकारी दी है। CSPDCL ने इस घाटे को कवर करने के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। नया टैरिफ 1 जुलाई से लागू हो सकता है। पढ़ें पूरी खबर