अजमेर की पॉक्सो कोर्ट ने 10 साल की नाबालिग स्टूडेंट से छेड़छाड़ के आरोपी स्कूल टीचर को 7 साल की सजा सुनाई है। आरोपी टीचर पर 55 हजार का जुर्माना भी लगाया है। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि आरोपी ने गुरु-शिष्य के पवित्र संबंध को कलंकित किया है। सरकारी वकील रूपेंद्र परिहार ने बताया कि गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के न्यायाधीश राजीव कुमार बिजलानी ने नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी टीचर को 7 साल की सजा सुनाई है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे। पीड़िता ने अपने बयानों में बताया था कि जब वह स्कूल गई थी टीचर ने दोपहर में उसे क्लास में बुलाकर उसके साथ छेड़छाड़ की थी। जज ने की टिप्पणी सरकारी वकील रूपेंद्र परिहार ने बताया कि न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि विद्यार्थी और शिक्षक का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। शिक्षक जो एक गुरु है, जिसे भगवान से ऊपर का दर्जा दिया जाता है। अपने बच्चों को माता-पिता बहुत ही विश्वास के साथ विद्यालय में पढ़ने के भेजते हैं। ताकि उनका बच्चा अच्छे संस्कार अपने गुरु से सीख सके, ऐसे गुरु शिष्य के पवित्र संबंध को अभियुक्त ने कलंकित किया है। माता-पिता के विश्वास को तोड़ा है, यदि नर्मी का रुख अपनाया जाता है, तो उससे समझ में गलत संदेश जाएगा और परिजन अपनी बच्चियों को शिक्षा के मंदिर में भेजने से संकोच करने लगेंगे। ऐसे अपराध के विरुद्ध नरमी का रुख अपनाया जाना न्याय का उचित प्रतीत नहीं होता। अंत कठोर दंड से दंडित किया जाए। यह था मामला सरकारी वकील रूपेंद्र परिहार ने बताया कि जिला ब्यावर के मसूदा थाने में 29 अक्टूबर 2023 को मामला दर्ज हुआ था। जिसमें पीड़ित परिवार ने शिकायत देकर बताया कि उसकी 10 वर्षीय बेटी गांव में स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ रही है। 23 अक्टूबर को उसकी पुत्री स्कूल पढ़ने गई तभी स्कूल टीचर ने अपने पास बुलाया और उसके साथ छेड़छाड़ की गई। बेटी घर रोते हुए पहुंची और कहा कि मुझे स्कूल नहीं जाना है, पहुंचने पर उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया था। पुलिस ने पोक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी टीचर को गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र भी पेश किया गया।